November 18, 2024

कोविड में अभिभावकों को गंवा चुके छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की पहल

नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)| आईआईटी, जेईई और नीट की तैयारी कराने राष्ट्रीय संस्था विद्यामंदिर क्लासेज ने उन छात्रों को मुफ्त कोचिंग देने का फैसला किया है जो कोरोना की त्रासदी में अपने माता या पिता या दोनों को गंवा चुके हैं। ऐसे छात्रों के लिए मुफ्त एसएपी प्रोग्राम देने की घोषणा की गई है।

कई छात्र मेडिकल या इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अपनी तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं। संस्थान ने उन छात्रों को मदद करने का भी फैसला किया है। इस कदम से सैकड़ों छात्रों को मदद मिलेगी और उनकी कठिनाइयां कुछ हद तक कम होंगी।

हालांकि वीएमसी से सहयोग हासिल करने के लिए छात्रों को सभी संबंधित दस्तावेज जमा कराने होंगे। दस्तावेजों के सत्यापन के उपरांत ही छात्रों को यह मदद मिल सकेगी।

वीएमसी ने कहा कि उनका फ्री कोचिंग प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा की गई कोविड राहत पहल के तहत है। पिछले सप्ताह लोकसभा अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि इंजीनियरिंग या मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी करने वाले उन छात्रों को कोटा में मुफ्त कोचिंग और आवास की सुविधा दी जाएगी, जो महामारी के कारण अनाथ हो गए हैं। उन्होंने देशभर के कोचिंग संस्थानों से भी अनुरोध किया है कि इसमें सहयोग करें। लिहाजा वीएमसी ने कोविड-19 से पीड़ित ऐसे छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग देने का फैसला किया है।

विद्यामंदिर के निदेशक एकेडमिक्स सौरभ कुमार ने कहा, हमारी मुहिम उन छात्रों को मुफ्त कोचिंग देने के लिए है जो महामारी में माता या पिता या दोनों को खो चुके हैं। हम चाहते हैं कि ऐसे छात्र अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयारी जारी रखें। उन्हें आर्थिक संकट को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस विकट दौर में हम छात्रों को आश्वस्त करते हैं कि हम उनके सपने को साकार करने में मदद के लिए उनके साथ खड़े हैं।

विद्यामंदिर क्लासेज के सहसंस्थापक ब्रज मोहन गुप्ता ने कहा, इस कठिन दौर में हम भविष्य में तैयार होने वाले डॉक्टरों और इंजीनियरों की फौज को संवारने की जिम्मेदारी लेते हैं। हम इस नेक मकसद को बखूबी निर्वाह करना चाहते हैं। यह मुहिम इस शैक्षणिक सत्र में छात्रों को सहायता करती है जो आईआईटी, जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद चाहते हैं। हम प्रभावित छात्रों की जिंदगी में कुछ हद तक संतुलन लाना चाहते हैं।

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