हल्द्वानी 25 अपै्रल (सूचना) – कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभावी उपचार हेतु जिलाधिकारी श्री सविन बंसल द्वारा डा0 सुशीला तिवारी चिकित्सालय को अस्थाई रूप से कोरोना स्पेशलिस्ट चिकित्सालय के रूप मे विकसित किया गया है। इसके साथ ही एसटीएच को बेस चिकित्सालय मे स्थानान्तरित किया गया है जहां सभी प्रकार के मरीजों का उपचार किया जा रहा है। उन्होेने जनस्वास्थ्य की सुरक्षा एवं गम्भीर बीमारियों से पीडित मरीजों के बेहतर उपचार हेतु हल्द्वानी के निजी चिकित्सालयो को अधिग्रहण किया। श्री बंसल ने अधिग्रहित निजी चिकित्सालयों व सहवर्ती स्टाफ को सुचारू रूप से सामान्य दिवसों में चिकित्सालय संचालन की भांति तैनात रहकर मरीजोें का उपचार करेंगे तथा बेस चिकित्सालय से रैफर कमेटी द्वारा जिन गम्भीर बीमार रोगियों को निजी अधिग्रहित चिकित्सालय मे रेफर किया जाए ताकि उनका बेहतर उपचार किया जाए। इस हेतु उन्होने अधिग्रहित चिकित्सालयों से समन्वय स्थापित कर रोगियों को बेहतर उपचार दिलाने हेतु नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी है।
शनिवार को बेस चिकित्सालय मेे सभागार में अपर निदेशक/समन्वयक डा0 विनीता साह, सीएमओ डा0 भारती राणा,पीएमएस बेस डा0 हरीश लाल द्वारा 06 निजी चिकित्सालयों मे तैनात नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया तथा अधिग्रहित निजी चिकित्सालयों का प्रतिदिन निरीक्षण व रैफर मरीजों के उपचार तथा चिकित्सालयों मे रिक्त बेड, उपकरणों, उपस्थिति चिकित्सकों का आॅफलाइन/आॅनलाइन पोर्टल मेे रिपोर्टिंग फाॅरमेट की विस्तृत जानकारियां दी।
अपर निदेशक/समन्वयक डा0 विनीता साह ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है तथा उनके साथ एक चिकित्साधिकारी भी तैनात किया गया है ताकि रैफर मरीजों के उपचार मे कोई परेशानी न हो। उन्होने कहा कि नोडल अधिकारी प्रतिदिन निजी चिकित्सालय मे रैफर मरीजो का उपचार सम्बन्धित जानकारियां चिकित्सकों तथा उनके तीमारदारों से प्राप्त कर फाॅरमेट मे भरकर कमेटी सीएमओ व डा0 विनीता साह को उपलब्ध करायेंगे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 भारती राणा व अपर निदेशक/समन्वयक डा0 विनीत साह ने नोडल अधिकारियों से कहा कि गम्भीर रोगियों को ही उपचार हेतु रैफर कमेटी द्वारा निजी चिकित्सालयों मे रैफर किया जायेगा, इसलिए उनके उपचार में किसी प्रकार की कमी व हीलाहवाली ना हो, इस पर पैनी नजर रखेें तथा निजी चिकित्सालयों से बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए रोगियों का उपचार करायें। जिस चिकित्सालय द्वारा रोगियों के उपचार मे हीलाहवाली संज्ञान मे आती है उसकी लिखित रिपोर्ट समिति/सीएमओ को देें ताकि उनके खिलाफ जिलाधिकारी के माध्यम से आपदा प्रबंधन एक्ट 2005, महामारी एक्ट 1897, उपचार मे शिथिलता बरतने पर मेडिकल काउन्सिल एक्ट 1956 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
प्रशिक्षण मे नोडल अधिकारी/जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, डा0 धनपत कुमार,अनुलेखा विष्ट, संगीता आर्या, नारायण सिह दरम्वाल, विनीत कुरील,डा0अजय कान्त अग्रवाल, डा0 मीना हृयांकी, डा0 पूनम जंगपांगी, डा0 मनोज सत्याल,डा0 मीरा जोशी,डा0 बबीता कन्याल,डा0 मुकेश आर्य, डा0 एएस भाट, डा0 गुंज्याल आदि मौजूद थे।
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योगेश मिश्रा उप निदेशक सूचना, गोविन्द सिह बिष्ट अति जिला सूचना अधिकारी
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