November 15, 2024

दुनिया की सबसे बड़ी आपात स्थितियों से जूझ रहा अफगानिस्तान,मानवता के नाते मिल रही है मदद : यूएन

संयुक्त राष्ट्र, 3 दिसम्बर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी पूरे अफगानिस्तान में मंौजूदा स्थितियों का आकलन करने के साथ लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने में जुटे हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से सहायता के काम से जुड़े लोगों ने गुरूवार को इसकी जानकारी दी। े सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के हवाले से कहा कि पिछले सात दिनों में, उन्होंने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से केवल चार में लगभग 280,000 लोगों को खाद्य सहायता वितरित की।

बदख्शां, बगलान, तखर और परवान प्रांतों में लोगों को खाद्य सहायता दी गई।

कार्यालय ने कहा कि इस सप्ताह, घोर, काबुल और परवान प्रांतों में लगभग 20,000 लोगों को नकद और शीतकालीन सहायता, घरेलू सामान, पानी, स्वच्छता की आपूर्ति की गई। सहायता प्राप्त करने वाले लोगों में आंतरिक रूप से विस्थापित लोग और अन्य कमजोर समुदाय शामिल हैं।

ओसीएचए कहा कि आने वाले दिनों में, बदाक्षन, बगलान, बल्ख और कुंदुज प्रांतों में आंतरिक रूप से विस्थापित और सूखा प्रभावित लोगों, लौटने वालों, कमजोर मेजबान समुदायों, और महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग परिवारों के मुखिया सहित लगभग 15,000 लोगों को मानवीय सहायता मिलेगी। उस सहायता में भोजन और नकदी शामिल है।

ओसीएचए ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान फ्लैश अपील ने सितंबर और दिसंबर 2021 के बीच देश में प्राथमिकता वाली जरूरतों की पहचान की है, जिसके लिए 606 मिलियन डॉलर की आवश्यकता थी। यह 683 मिलियन पर 113 प्रतिशत वित्त पोषित है।

कार्यालय ने कहा कि इस साल की शुरूआत में शुरू की गई स्वतंत्र संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान मानवीय प्रतिक्रिया योजना के लिए 869 मिलियन डॉलर की आवश्यकता है। यह 84 प्रतिशत 730 मिलियन पर वित्त पोषित है।

ओसीएचए ने कहा कि दो अपीलें एक दूसरे की पूरक हैं, जिसमें 18.4 मिलियन लोगों की जरूरत है और 17.7 मिलियन लोगों को लक्षित किया गया है। मानवतावादी साल के अंत तक लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं।

जिनेवा में गुरुवार को शुरू किए गए 2022 ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन ओवरव्यू में कहा गया है कि अगले साल अफगानिस्तान में 24.4 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी। इसने अफगानिस्तान को दुनिया की सबसे बड़ी आपात स्थितियों में से एक बताया है।

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