लखनऊ, 21 जून | कोरोनावायरस महामारी के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा ने संयुक्त रूप से निर्णय लेते हुए 6 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा एक प्रमुख धार्मिक यात्रा होती है।
2019 में, सावन के शुभ महीने में 4 करोड़ से अधिक भक्त हरिद्वार गए थे ।
सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत और मनोहर लाल खट्टर के बीच शनिवार देर रात एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस के बाद कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला आया।
योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और संभागीय आयुक्तों को भी धार्मिक नेताओं, कांवड़ संघों और शांति समितियों को फैसले के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री ने कहा है कि धार्मिक नेताओं और कांवड़ संघों को भक्तों से अपील करनी चाहिए कि वे इस वर्ष महामारी के मद्देनजर यात्रा न निकालें। सावन के महीने में शिव मंदिरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को भी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है।”
सावन के महीने में शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं और राज्य सरकार ने मंदिर में एक समय में पांच श्रद्धालुओं से ज्यादा को जाने देने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। एक बार में पांच से ज्याद भक्त मंदिर के अंदर मौजूद नहीं हो सकते हैं।
हरिद्वार, गौमुख और गढ़मुक्तेशवर में गंगा में स्नान के बाद अपने साथ लिए पात्रों में जलभर कर बड़ी संख्या में भक्त शिव मंदिर में उन्हें चल चढ़ाते हैं।
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