बेंगलुरू, 25 जून (आईएएनएस)| भारत में एक प्रमुख ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में गंभीर डेटा उल्लंघन में 34 लाख से अधिक ग्राहकों से संबंधित जानकारी से समझौता किया गया है। साइबर सुरक्षा और डेटा स्टार्टअप टेक्नीसेंट ने इसकी पुष्टि की। ग्राहकों के डेटा को 15 जून को डेटा शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए रखा गया है। इस घटना की सूचना टेक्नीसेंट द्वारा कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) को दी गई है।
टेक्निसेंट के संस्थापक और सीईओ नंदकिशोर हरिकुमार ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से भारतीयों में वित्तीय धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
उन्होंने कहा कि डेटाबेस में मौजूद इन डिटेल्स का उपयोग साइबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन और फोन के जरिए विभिन्न घोटालों के माध्यम से ब्रीच का शिकार हुए लोगों को लक्षित करने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा, “भारत में डेटा सुरक्षा प्राधिकरण की कमी के कारण ऐसे मामलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस तरह की घटनाओं की पहचान भले ही कर ली जाती है, किसी नियामक निकाय का न होना एक ही ब्रांड के साथ बार-बार उल्लंघन होने की संभावनाएं बढ़ती जाती हैं।”
लीक हुए डेटा में व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) जैसे नाम, ग्राहक आईडी, कॉन्टैक्ट नंबर, ईमेल आईडी, ट्रेड लॉगिन आईडी, शाखा आईडी, शहर और देश शामिल हैं।
सुरक्षा उल्लंघन की पहचान टेक्निसेंट के डिजिटल जोखिम निगरानी उपकरण ‘इंटीग्रेइट’ द्वारा की गई थी।
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