इस्लामाबाद, 14 मई (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पाकिस्तान व भारत समेत दुनिया के दस देशों में बाल मृत्यु दर में तेजी से वृद्धि की आशंका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले छह महीने में पांच साल से कम आयु के बच्चों की मौत उन बीमारियों से हो सकती है जिनका इलाज संभव है लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवा पर भारी दबाव की वजह से इनके लिए पर्याप्त संसाधन शायद उपलब्ध नहीं हो सकेगा। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा पर दबाव और संसधानों का कोरोना बीमारी से लड़ने की तरफ बहाव अन्य बीमारियों के मरीजों के लिए समस्याएं पैदा करेगा और इससे सर्वाधिक प्रभावित कम आयु के बच्चे होंगे।
‘जियो न्यूज’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका के गरीब देशों के करीब 12 लाख और शिशुओं की महामारी के दौर में असमय मौत की आशंका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी 118 देशों में 144000 महिलाओं की मौत प्रजनन व प्रसव संबंधी समस्याओं के कारण हो रही है। कोरोना महामारी के काल में अगले छह महीने में इस संख्या में 40 फीसदी यानी 56700 और माताओं की मौतों का इजाफा हो सकता है।
यह नतीजा एक ऐसे अध्ययन से निकाला गया है जो परिवार नियोजन, प्रसव पूर्व व पश्चात, शिशु प्रसव, टीकाकरण और बीमारियों से बचाव संबंधी फंड में की गईं या की जाने वाली कटौतियों पर आधारित है।
अध्ययन में बताया गया है कि जिन दस देशों में अधिक शिशुओं की मौत की आशंका है, उनमें बांग्लादेश, ब्राजील, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ कांगो, इथोपिया, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, यूगांडा व तंजानिया शामिल हैं।
यूनिसेफ कार्यकारी निदेशक हेनरिता फोर ने इस स्थिति पर तत्काल ध्यान देने का आग्रह करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ाई का शिकार बच्चों और महिलाओं को नहीं बनने देना चाहिए और इनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सालों के प्रयास से हासिल उपलब्धियों को गंवाना नहीं चाहिए।
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