वाराणसी (यूपी), 15 जून (आईएएनएस)| वाराणसी जिले के सभी प्रमुख सरकारी अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जल्द ही विभिन्न संगठनों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड की मदद से ऑक्सीजन पैदा करने में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।
सात सरकारी अस्पताल पहले ही ऑक्सीजन प्लांट से लैस हो चुके हैं, जबकि नौ सीएचसी के पास जुलाई के अंत तक अपने प्लांट होंगे।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) भी ऑक्सीजन सांद्रता से लैस होंगे।
संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल के अनुसार, “वाराणसी में अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्रों की अधिकतम संख्या है। अप्रैल में कोविड -19 की दूसरी लहर आने से पहले सरकारी अस्पतालों में 900 से ज्यादा बेड ऑक्सीजन आपूर्ति लाइनों से ढके हुए थे, लेकिन पूरी आपूर्ति थी निजी क्षेत्र की कुछ इकाइयों में रिफिल किए गए सिलिंडरों पर निर्भर है।”
यह वही महीना था जब ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर की मांग 2,000 के निशान से ऊपर चली गई थी, जबकि सिलेंडर में ऑक्सीजन की आपूर्ति अपर्याप्त थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड से हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का ऐलान किया था।
इस घोषणा के एक हफ्ते से भी कम समय में, डीडीयू जिला अस्पताल में 30 अप्रैल को 613 एलपीएम का पहला ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया, जबकि अस्पताल में 500 एलपीएम का एक और प्लांट सोमवार को चालू हो गया।
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