आजकल के प्रतियोगिता और तेज रफ्तार भरी जिंदगी में तनाव और चिंता ने अपना घर बना लिया है। फल ये होता है कि इससे तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो जाना पड़ता है। अन हेल्दी और स्ट्रेस भरे लाइफ स्टाइल के प्रभाव जितना आपके शरीर पर पड़ता है उतना ही उसका प्रभाव आपके मानसिक स्तर और स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। हाल के एक अनुसंधान से ये पता चला है कि चिंता और तनाव के अवस्था में रहते-रहते आप डिप्रेशन और डिमेंशिया के शिकार हो सकते हैं।
अधिकतर लोग अपने जीवन से चिंता और तनाव को दूर करने के उपाय ढूंढ़ते रहते हैं लेकिन इसी चिंता को दूर करते-करते वह अवसाद और डिमेंशिया का शिकार हो जाते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के सहायक प्रोफेसर लिंडा माह के अनुसार, ‘लंबे समय तक चिंता, भय, तनाव की स्थिति में मस्तिष्क की तंत्रिका गतिविधि प्रभावित होती है जिसकी वजह से मानसिक विकार, अवसाद और अल्जाइमर रोग होने की संभावना रहती है।’
शोधार्थियों का कहना है, ’सामान्य स्थितियों में चिंता और तनाव जिंदगी के आम हिस्से के रूप में जाना जाता है लेकिन अगर यह बार-बार और लंबे समय तक रहता है तो इससे दिनचर्या की सामान्य गतिविधियां प्रभावित होती हैं। लंबे समय तक यह समस्या रहने से व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार हो सकता है।’यह शोध ‘करंट ओपिनियन इन साइकियाट्री’ में प्रकाशित किया गया है।
इसलिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है कि आप खुद स्ट्रेसफ्री रखने के लिए ज़रूरी एहतियात बरतें, जैसे- अपने लिए थोड़ा समय निकालें, रोज़ नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करें, सुबह वाक पर जायें, परिवार के साथ समय बितायें और देखें कि आपका स्ट्रेस कैसे छू मंतर हो जाता है।
More Stories
केंद्र सरकार ‘मेडिकल वैल्यू ट्रैवल’ के लिए पेश करेगी डिजिटल पोर्टल: आयुष राज्य मंत्री
आंखों के आसपास सूजन, एनीमिया हो सकता है किडनी खराब होने का संकेत : केजीएमयू
डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने यूक्रेन संकट को हल करने में स्वास्थ्य, मानवीय सिद्धांतों का आग्रह किया