लखनऊ, 25 मार्च (आईएएनएस)| ‘अजान’ पर आपत्ति जताने के बाद उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने अब बुर्के को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को ‘बुर्का’ पहनने की प्रथा से ‘मुक्त’ किया जाएगा। इतना ही नहीं मंत्री ने इसे एक बुरी प्रथा करार देते हुए इसकी तुलना की प्रतिबंधित हो चुकी तीन तलाक प्रथा से की। एक दिन पहले मंत्री ने बलिया के जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर के कारण उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही कहा कि अदालत के आदेशों के अनुसार आवाज की सीमा तय की जानी चाहिए।
शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, “मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तरह ‘बुर्का’ से भी मुक्त किया जाएगा। एक समय ऐसा आएगा जब उन्हें इससे भी छुटकारा मिल जाएगा। ऐसे कई मुस्लिम देश हैं जहां ‘बुर्का’ पर प्रतिबंध है। बुर्का ‘अमानवीय और बुरा रिवाज’ है और प्रगतिशील सोच रखने वाले लोग इसका उपयोग करना बंद कर रहे हैं।”
मस्जिदों के लाउडस्पीकर के वॉल्यूम की शिकायत को लेकर जिला मजिस्ट्रेट को लिखे अपने पत्र पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भी ऐसी समस्या है उन्हें ‘112’ पर कॉल करना चाहिए और पुलिस को इसके बारे में सूचित करना चाहिए। यदि इस पर उचित कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो वह आगे की कार्रवाई का फैसला करेंगे।
शुक्ला ने पत्र में अपने निर्वाचन क्षेत्र काजीपुरा मदीना मस्जिद को लेकर कहा था, “पूरे दिन में 5 बार नमाज अदा की जाती है। इसके चलते मुझे योग, ध्यान, पूजा (पूजा) और सरकारी कर्तव्यों का निर्वहन करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।”
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