धर्मशाला, 22 मई (आईएएनएस)| तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने शनिवार को प्रख्यात पर्यावरणविद् और उनके ‘अच्छे दोस्त’ सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “मैं उनके परिवार, साथ ही उनके कई प्रशंसकों और मित्रों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और मैं उनके लिए प्रार्थना करूंगा।”
“जिस तरह से उन्होंने ‘अहिंसा’ को पर्यावरण की रक्षा के लिए अपने अथक अभियानों का मूल बनाया, मैं उसकी प्रशंसा करता हूं। उत्तराखंड के गढ़वाल में पले-बढ़े वह न केवल हिमालय की नदियों, जंगलों और पहाड़ियों को संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में जानते थे, बल्कि अन्य लोगों का ध्यान भी इस ओर आकर्षित करना उनका मिशन था।”
“एक अवसर पर, बहुगुणा ने मुझे पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के महत्व के बारे में प्रचार करने के लिए कहा। मैं ऐसा करने के लिए सहमत हो गया और जब मैं लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य जगहों पर जाता हूं तो मैं लोगों से पर्यावरण की देखभाल करने का आग्रह करता हूं।”
“यद्यपि वे हमें छोड़कर चले गए हैं, लेकिन उन्होंने एक लंबा और सार्थक जीवन व्यतीत किया है। श्री बहुगुणा की आत्मा हमेशा जीवित रहेगी।”
उन्होंने कहा, “हम उन्हें जो सबसे अच्छी श्रद्धांजलि दे सकते हैं, वह उस आंदोलन का समर्थन करना जारी रखना होगा , जो उन्होंने पेड़ लगाना, उनकी देखभाल करना और हमारी पृथ्वी की रक्षा करने के लिए शुरू किया था।”
1970 के दशक में वनों की कटाई के खिलाफ चिपको आंदोलन के अग्रदूत बहुगुणा का शुक्रवार को उत्तराखंड में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
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