बाबूराम ( बरेली ब्यूरो चीफ)
बरेली। कोरोना महामारी के चलते स्कूल मार्च 20 से बन्द है 14 महीनों से बन्द स्कूलों के शीघ्र खुलने की सम्भावना भी कम है।असहायिक मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन अभिभावकों से प्राप्त शुल्क से किया जाता है परन्तु स्कूल बन्दी काल में अभिभावकों से स्कूलों को कोई शुल्क नहीं मिल रहा है जिस कारण स्कूल संचालक शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पन्द्रह माह से वेतन नहीं दे पा रहे हैं। वेतन न मिलने के कारण शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी दाने दाने को मोहताज हैं और उनके कपड़े भी उतर गये हैं।
मान्यता प्राप्त स्कूलों के संगठन बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश ने अनेकों बार विभिन्न माध्यमों से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से मांग की कि ऐसे स्कूल जिन्हें अभिभावकों से शुल्क नहीं मिल रहा है के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन का भुगतान सरकार करे परन्तु सरकार ने ऐसा नहीं किया जिससे स्कूल परिवारों में रोष व्याप्त है और कुछ पीड़ित आत्महत्या तक की सोचने लगे हैं।
उक्त जानकारी देते हुए समिति के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश चन्द्र सक्सेना ने बताया कि जिला बरेली अध्यक्ष बालेदीन पाल की राय पर कि स्कूल संचालकों की परेशानी से आम जन, शासन व प्रशासन अवगत हो अतः स्कूल एक दिन काला दिवस मनायें ।
श्री सक्सेना के निर्देश पर मण्डल बरेली के स्कूल परिवारों ने बांह पर काली पट्टी बांध, कालै वस्त्र पहन या काले झंडे लगाकर काला दिवस मनाया।
काले दिवस को सफल बनाने में प्रदेश पदाधिकारियों अध्यक्ष जगदीश चन्द्र सक्सेना, महामंत्री पंकज कुमार सक्सेना, मंत्रियों राम कृष्ण शुक्ला, राजीव यादव
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