लखनऊ, 8 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार 15 अगस्त को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 21,000 कुशल श्रमिकों को टूलकिट और पुरस्कार देकर सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उनमें से कुछ के साथ बातचीत भी करेंगे।
यह योजना 26 दिसंबर, 2018 को श्रमिकों के कौशल को प्रशिक्षण के माध्यम से सम्मानित करने और उनकी उत्पादकता में सुधार के लिए उन्नत टूलकिट प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
कार्यक्रम के लाभार्थियों में नाई, धोबी, दर्जी, मोची, लोहार, सुनार, कुम्हार, टोकरी बुनकर आदि शामिल हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि इस योजना को केंद्र और राज्य सरकार के अन्य कार्यक्रमों से जोड़ा गया है।
उदाहरण के लिए, श्रमिकों को न केवल किट दी जाती है, बल्कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना या मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत उदार शर्तों पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
2020-21 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10,161 प्रशिक्षित लाभार्थियों द्वारा विभिन्न बैंकों को लगभग 222 करोड़ रुपये के ऋण के लिए आवेदन भेजे गए।
सहगल ने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत, श्रमिकों को एक सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए चुना जाता है और प्रति दिन 250 रुपये का मानदेय दिया जाता है। पिछले तीन वर्षों में, लगभग 68,000 श्रमिकों को विभिन्न पारंपरिक क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए उन्नत टूलकिट प्रदान किए गए हैं।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना उत्तर प्रदेश के गांवों, कस्बों और शहरों में बड़ी संख्या में रहने वाले कुशल श्रमिकों के लिए जीवन रेखा बन गई है और इसने उन्हें समाज में सम्मान दिया है।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र उम्मीदवारों को ऋण प्रदान किया जाए। इस संदर्भ में जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी जिला स्तरीय बैंकर्स समिति के अधिकारियों के लगातार संपर्क में रहते हैं।
मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य के विकास में श्रमिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इसलिए वह श्रमिकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
प्रदेश के हर अंचल में मजदूरों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाए जा रहे हैं।
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