November 17, 2024

यूपी में बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क, आईआईटी देगा तकनीकी सहायता

लखनऊ, 13 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश अब दवा उत्पादन और चिकित्सकीय काम में प्रयोग आने वाले उपकरणों का हब बनने की दिशा में आगे चल पड़ा है। इसके तहत राज्य का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के एरिया में बनाया जाएगा। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में आईआईटी कानपुर के सहयोग से इनक्यूबेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। यीडा ने इसके लिए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन तय कर दी है। यह सेंटर पांच एकड़ में बनेगा। इस सेंटर से स्टार्टअप कंपनियों को फायदा मिलेगा। इनक्यूबेशन सेंटर के लिए यीडा ने आईआईटी कानपुर से अनुबंध किया है। दो चरणों में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस पार्क की एक खास बात यह भी है कि नोएडा के मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर बनाएगा। प्राधिकरण ने कानपुर आईआईटी को इसके लिए अनुबंध किया है। ताकि नई तकनीक का आदान-प्रदान हो सके। मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली स्टार्टअप कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। इससे दो फायदे होंगे। पहला इनक्यूबेशन सेंटर और समृद्ध होगा। दूसरा स्टार्टअप कंपनियों को कानपुर आईआईटी से सहयोग मिल सकेगा।

आईआईटी कानपुर सीईओ, फाउंडेशन ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फस्ट के डॉ. निखिल अग्रवाल ने बताया कि मेडिकल टेक्नालॉजी में आईआईटी बहुत समय से काम कर रहा है। बेहतरीन उत्कृष्ट मेडिकल तकनीक यहीं से निकल रही है। वेंटिलेटर और आक्सीजन कंसंट्रेटर बनाए। आईआईटी मेडिकल उपकरण में काफी समय से काम कर रहे हैं। नोएडा में बन रहे मेडिकल पार्क में हमने यीडा से काम करने का मौका मांगा है। इसमें बनने वाला इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्ट को सुविधाएं दी जाएंगी। नए लोगों को मौका मिलेगा। लैब सपोर्ट, टेक्नालॉजी सपोर्ट दिया जाएगा। टेस्ट, प्रयोगशाला हर चीज में सहयोग मिलेगा। भारत सबसे विकसित पार्क बनेगा। नार्थ इंडिया का सबसे बड़ा पार्क बन रहा है। इसमें वल्र्ड क्लास की सुविधाएं होगी। अभी करार का प्रोसेस चल रहा है।

कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में ऐसे पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान करने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा था कि मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए लखनऊ और नोएडा बिल्कुल उपयुक्त हैं। लखनऊ में केंद्र के चार दवा अनुसंधान केंद्र हैं। इनके शोध का स्तर बेहद स्तरीय है। इनके द्वारा कई रोगों की उच्च कोटि की दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण बनाए भी जा रहे हैं। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर नोएडा का शुमार देश के विकसित औद्यौगिक क्षेत्रों में होता है। वहां जेवर में अंतराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन जाने से निर्यात भी आसान हो जाएगा। सरकार की नई औद्योगिक और फार्मा नीति भी निवेशकों के बेहद मुफीद है। लिहाजा उप्र को दो बल्क ड्रग्स या मेडिकल डिवाइस पार्क आवंटित करने का कष्ट करें। केंद्र सरकार यूपी में जिस मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को अनुमति देगी उसे केंद्र सरकार से करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा।

नोएडा के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने ले लिए चिन्हित की गई। इस भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क दो चरणों में विकसित किया जाएगा। यहां प्लॉट के बजाय तैयार शेड उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। ताकि शीघ्र इकाई लगाकर मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सके। पहले चरण में 125 एकड़ में शेड बनाकर उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। दूसरे चरण में भी 225 एकड़ एरिया में यही योजना आएगी। विशाखापत्तनम में इसी तरह के मेडिकल डिवाइस पार्क बना है। यीडा के अधिकारियों ने विशाखापत्तनम के मेडिकल डिवाइस पार्क का कुछ माह पूर्व दौरा भी किया था। वहां की बारीकियों को देखा और अब यहां पर उनको अमल में लाया जाएगा। इसी क्रम में प्राधिकरण ने हैदराबाद के कलाम इंस्टिट्यूट से मेडिकल डिवाइस पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई है। अब उसी के आधार पर यूपी का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की तैयारी है।

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