नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर क्षेत्रों से मामले सामने आने के साथ ही भारत में बर्ड फ्लू फिर से उभर आया है। सिर्फ पालघर में हजारों पक्षी मारे गए हैं। हालांकि, एक विशेषज्ञ ने कहा कि देश में इस बीमारी के बड़े पैमाने पर फैलने की आशंका नहीं है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के आदिल अमीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह संक्रमण शायद ही कभी मानव से मानव के बीच फैलता है। उन्होंने कहा कि लोग बर्ड फ्लू वायरस को पक्षी की बीट या संक्रमित पक्षियों के निकट संपर्क में रहने से बीमार पड़ सकते हैं। अमीन ने कहा कि बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो पालतू और जंगली पक्षियों दोनों को चपेट में लेती है। संक्रमण पक्षियों की आंतों और श्वसन तंत्र में टाइप ए वायरस के प्रवेश के कारण होता है। उन्होंने कहा कि लोग पक्षियों के निकट संपर्क से संक्रमित हो सकते हैं, विशेष रूप से पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले लोग। अमीन ने कहा, “बड़े पैमाने के पोल्ट्री फार्मो में कई लोग रोजाना काम करते हैं। वहां से पक्षियों को छोटे पैमाने के पोल्ट्री फार्मो में भेजा जाता है, जो संचरण का मुख्य कारण बन जाता है। संक्रमण आस-पास के समूहों में फैल सकता है, लेकिन ऐसा शायद ही कभी होता हो।”
उन्होंने कहा कि संक्रमित पक्षियों के दूषित पानी में नहाते या तैरते समय भी वायरस का संक्रमण हो सकता है। कुछ सामान्य हल्के लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं, जो तीन से 12 दिनों तक जारी रह सकते हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में निमोनिया या किडनी की समस्या भी देखी जा सकती है।
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