संवाददाता :- सुनील कुमार
लालकुआं, (उत्तराखंड) । कुमायूं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में अक्टूबर से खनखनाने वाले फावड़े और बैलचे की खनक अभी तक नहीं खनकने के चलते आज गौला संघर्ष समिति ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बिंदुखत्ता क्षेत्र के शहीद चौराहे से तहसील तक गर्मजोशी के साथ प्रदर्शन कर जुलूस निकाला और राज्य सरकार से एक राज्य एक रॉयल्टी तथा तथा जीपीएस सिस्टम और वाहन फिटनेस समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर तहसील में ज्ञापन सौंपा इस दौरान हजारों लोगों ने प्रदर्शन करते हुए तुरंत गोला नदी के निकासी गेट खोलने की भी मांग की। तहसील में पहुंचकर विशाल प्रदर्शन करते हुए वक्ताओं ने राज्य में एक ही खनन रॉयल्टी निर्धारित करने की सरकार से मांग की वक्ताओं ने जीपीएस सिस्टम लगाने का भी विरोध करते हुए वाहनों के फिटनेस टैक्स को भी कम करने की मांग की। गौरतलब है कि राजनैतिक गतिरोध के चलते अभी तक गौला नदी यह निकासी गेट नहीं खुल पाए हैं. जिसके चलते सात हजार से अधिक वाहन स्वामी और उससे जुड़े हुए लाखों लोगों के सामने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का गहरा संकट उत्पन्न हो गया है इन सबके बीच वाहन स्वामी लगातार अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं कुमायूं में खनन ही एकमात्र रोजगार का साधन है जिससे सरकार को अरबों रुपए की राजस्व प्राप्ति होती है तथा हर युवा वर्ग इस से जुड़ कर अपने परिवार का भरण पोषण कर जीवन यापन कर रहा है लेकिन पिछले डेढ़ माह से खनन कारोबारी बेरोजगार होकर आंदोलन को लेकर मजबूर है फिर भी इनको सुनने वाला कोई नहीं है राजनेताओं से लेकर शासन-प्रशासन तक यहां तक अदालत में भी मामला जा पहुंचा लेकिन इस लाइफ लाइन को प्रारंभ कराने में कोई भी अभी तक आगे नहीं आ पाया है एक राज्य और एक रॉयल्टी को लेकर कैबिनेट में मामला पास भी हो गया है लेकिन इसमें भी अभी तक सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है जिसके चलते श्रमिकों वाहन स्वामियों वाहन चालकों सहित क्षेत्र के लोगों की आर्थिक बुनियाद चरमराई हुई है जिसके चलते सभी लोग गौला नदी के निकासी गेट खोलने को लेकर संघर्षरत है।
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