रांची, 14 अगस्त (आईएएनएस)| झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को यहां राज्य के नए प्रतीक चिह्न का लोकार्पण किया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन भी मौजूद थे। इस मौके पर राज्यपाल मुर्मू ने कहा कि यह प्रतीक चिह्न राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। उन्होंने कहा, इस प्रतीक चिन्ह में राज्य की संस्कृति,
प्राकृ तिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है।
मुर्मू ने आगे कहा कि पूरा विश्व आज कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। राज्य में भी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जांच की गति को और बढ़ाना होगा, जिससे ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ को रोका जा सके।
आर्यभट्ट हॉल में आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखंड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया। हजारों वीरों ने अपनी कुर्बानी दी। उन्होंने कहा, राज्य का नया प्रतीक चिन्ह बदलाव का सारथी है। प्रतीक चिन्ह झारखंड की भावना को प्रतिविम्बित करता है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नए प्रतीक चिन्ह की खासियत से अवगत कराते हुए कहा कि इस चिन्ह में अशोक स्तंभ को समाहित किया गया है जबकि झारखंड का लोक जीवन व संस्कृति को दर्शाया गया है। चिह्न में पलाश के फूल को रखा गया है जो राज्य का राजकीय पुष्प भी है।
उन्होंने कहा कि इस चिह्न को हरे रंग का स्थान दिया गया है, जो झारखंड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। इस चिह्न में राज्य के राजकीय पशु हाथी की तस्वीर भी दिखाई देती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन को राज्य का प्रतीक चिह्न की तस्वीर भेंट स्वरूप दी।
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