मनोज जांगड़ा (जिला संवाददाता)
सोनीपत, 22 अगस्त 2020 हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों के अंतर्गत आज गोहाना उपमंडल स्थित जवाहरलाल नेहरू वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सभी छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल फेसबुक पेज पर जुड़े लोगों हेतु “बेहतर परवरिश तकनीक निर्माण ” विषय पर वेबीनार के माध्यम से मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक व राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक द्वारा बताया गया कि परवरिश एक कौशल है जिसे सीखना पड़ता है l बेहतर समझ, निरंतर प्रयास, सकारात्मक नतीजे प्रदान कर सकते हैं l बाल्यावस्था से ही व्यावहारिक प्रबंधन जरूरी है माता-पिता के लिए सबसे महत्वपूर्ण सवाल हैं कि .. मेरा बच्चा कहां है ? मेरे बच्चे के साथ कौन है? मेरा बच्चा कर क्या रहा है? इन सवालों के जवाब हर माता-पिता को खोजने होंगे समझना होगा तत्पश्चात सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर निर्णय लेने होंगे यह अति महत्वपूर्ण है l बाल्यावस्था से बच्चों में सहानुभूति, ईमानदारी, दयालुता ,आत्म- नियंत्रण, बौद्धिक जिज्ञासा, सहयोग भाव को प्रेरणादाई वातावरण में सीखने की, हासिल करने की इच्छा के साथ बढ़ाना होगा l बच्चों को सकारात्मक सहयोग व आपका भरोसा चाहिए होता है उन्हें स्वतंत्रता के अवसर दें जिससे कि बच्चे खुद अपनी सीमा तय करने के साथ आत्म- नियंत्रण की भावना विकसित करने में स्वयं की मदद कर सकते हैं तथा स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने से उन्हें आत्म निर्देश की भावना विकसित करने में मदद मिलती है और जीवन में सफलता हेतु दोनों ही आवश्यक हैं l आप बच्चों के जीवन में शामिल रहे और समझना होगा यह इतना सरल नहीं होता इसके लिए माता पिता को अपनी प्राथमिकताओं को पुनः व्यवस्थित करना होगा l आपका शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्नेह पूर्ण लगाव जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है l माता-पिता का अपने बच्चों के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार भी करना जरूरी है आपको बच्चों को वही शिष्टाचार देना चाहिए जैसा किसी दूसरे को देते हैं l इस मनोभाव से बच्चों में जीवन सहायक गुण उत्पन्न होते हैं l माता-पिता को चाहिए कि विनम्रता पूर्वक बात करें, उनकी राय का सम्मान करें, बातों को धैर्य पूर्वक सुने ,प्यार से पेश आएं, उन्हें ऐसा वातावरण प्रदान करें कि वह अंतर्मन से खुशी महसूस कर सकें l आपका बच्चा सम्मानजनक रिश्ता कायम करेगा तो दूसरे रिश्तो में मजबूती का आधार बनेगा l यदि आपका अपने बच्चों के साथ अच्छा आत्मिक लगाव भरा रिश्ता होगा तो यह आपके जीवन का सबसे अनमोल तोहफा हो सकता है l बच्चों में भावनाओं की जागरूकता ,आत्मिक लगाव ,धैर्य पूर्वक शांति से बच्चे के मन की बातें सुनना, विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के साथ भावनाओं को समझ कर उन्हें भरोसा दिलाना कि आप उनकी फिक्र करते हैं और हमेशा उनके साथ हैं, समस्या समाधान करते रहिए l यही परवरिश के सफल सिद्धांत और तकनीक साबित हो सकते हैं प्रयास करना होगा ,निरंतरता कायम रखनी होगी ,सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण अपनाना होगा l वेबीनार के सफल आयोजन में जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुड्डा, स्कूल निदेशक सुनील शर्मा व प्राचार्य सचिन शर्मा ,कार्यक्रम अधिकारी अनिल दहिया व सहायक कार्यक्रम अधिकारी धर्मपाल के साथ-साथ उनकी समस्त टीम की भूमिका अति सराहनीय रही
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