अंबाला / नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)| पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 5 राफेल लड़ाकू विमानों को सूचना मिलने पर बेहद कम समय में ही वहां तैनात किया जा सकता है। इन विमानों को फ्रांसीसी कंपनी डसॉ एविएशन ने बनाया है। हरियाणा के अंबाला एयर बेस पर गुरुवार को एक भव्य समारोह में राफेल विमानों की इंडक्शन सेरेमनी के दौरान सिंह ने इन विमानों के संचालन को लेकर कहा, “हमारी सीमाओं पर जिस तरह का वातावरण है और बनाया जा रहा है, उसे देखते हुए इन विमानों का इंडक्शन अहम है।”
उन्होंने यह भी कहा, “जिस तेजी के साथ भारतीय वायु सेना ने अपनी संपत्तियों को आगे के ठिकानों पर तैनात किया है, उसने भरोसा दिलाया है हमारी वायु सेना ऑपरेशंस को लेकर पूरी तरह से तैयार है।”
सिंह ने यह भी कहा कि मास्को की हालिया यात्रा के दौरान उन्होंने भारत का ²ष्टिकोण पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। सिंह ने कहा, “हम किसी भी स्थिति में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेंगे। हम इसके लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बता दें कि वह इस महीने की शुरूआत में शंघाई कोऑपरेशन ऑगेर्नाइजेशन के विदेश मंत्रियों की संयुक्त बैठक और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स कंट्रीज आदि की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूसी राजधानी गए थे।
रक्षा मंत्री ने कहा, “राफेल का सेना में शामिल होना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा और कठोर संदेश है, विशेष रूप से उनके लिए जो हमारी संप्रभुता पर नजर रखते हैं।”
फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी इस समारोह का हिस्सा थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, “यदि आप काव्यात्मक अंदाज में लें तो राफेल का मतलब हवा का झोंका कह सकते हैं लेकिन युद्ध के मैदान में इसका मतलब आग बरसाने वाला है।”
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के. भदौरिया ने कहा, “आज राफेल को शामिल कर दिया गया है। गोल्डन एरो सौभाग्यशाली है कि अब वो राफेल से लैस है।”
उन्होंने फ्रांसीसी वायुसेना को उसके सपोर्ट और टैंकर उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद भी दिया।
बता दें कि राफेल 4.5 जनरेशन का विमान है, जो कि नए हथियार, बेहतर सेंसर और पूरी तरह से इंटीग्रेटेड आ*++++++++++++++++++++++++++++र्*टेक्चर से लैस है।
अंबाला में कार्यक्रम की शुरूआत राफेल विमान की एक पारंपरिक ‘सर्व धर्म पूजा’ के साथ हुई। एयर डिस्प्ले के बाद राफेल विमान को पारंपरिक जल तोप की सलामी दी गई।
राफेल एक ओमनी-रोल विमान है जिसका मतलब है कि यह एक बार में कम से कम चार मिशन कर सकता है। इस लड़ाकू विमान में हैमर मिसाइलें होती हैं।
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