वाशिंगटन, 28 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राज्य पेन्सिलवेनिया की एक संघीय अपील अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान की अपील के खिलाफ निचली अदालत द्वारा पूर्व के फैसले को बरकरार रखा है। यह ट्रंप के लिए 3 नवंबर के परिणामों को पलटने के प्रयासों को करारा झटका है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को फिलाडेल्फिया में थर्ड यूएस स . र्*ट कोर्ट ऑफ अपील्स के 3-जजों के पैनल ने कहा कि ट्रंप अभियान के उस दावे में दम नहीं है जिसमें कहा गया है कि व्यापक तौर पर मतदाता धोखाधड़ी हुई है।
ट्रंप द्वारा ही नियुक्त किए गए जज स्टेफानोस बिबास ने कहा, “स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव हमारे लोकतंत्र की जान हैं। अन्याय, अनुचितता के आरोप गंभीर हैं। लेकिन किसी चुनाव को अनुचित कहने से वे ऐसे नहीं हो जाते हैं। इसके लिए सबूत की आवश्यकता होती है, जो यहां नहीं हैं।”
तीन रिपब्लिकन-नियुक्त न्यायाधीशों ने निर्धारित किया कि पिछले सप्ताह अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज मैथ्यू ब्रैन का फैसला उचित था।
कैंपेन ने दावा किया था कि अहम राज्यों की कुछ काउंटियों के मेल से मतपत्र भेजने वाले मतदाताओं के मामले में धोखाधड़ी हुई है। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज मैथ्यू ब्रैन ने तीखी राय देते हुए कहा, मुकदमे में “बिना आधार के कानूनी तर्क दिए गए, जिनके कोई सबूत भी नहीं हैं।”
ट्रंप ने ट्विटर पर कहा कि ब्रैन हमें अपना मामला या सबूत पेश करने की भी अनुमति नहीं देगा। कथित तौर पर ट्रंप कैंपेन अब इस मामले की अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहा है।
बता दें कि पेन्सिल्वेनिया ने मंगलवार को नतीजे घोषित किए और बाइडेन को यहां से 20 इलेक्टोरल वोट मिले।
द कुक पॉलिटिकल रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के 7,39,47,962 मतों की तुलना में अब तक बाइडेन 8,02,18,808 लोकप्रिय वोट जीत चुके हैं। वहीं अमेरिकी मीडिया ने अनुमान लगाया है कि बाइडेन ने राष्ट्रपति पद हासिल करने के लिए 270-वोट की सीमा को पार करते हुए 306 इलेक्टोरल वोट जीते हैं।
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