नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| देशभर में सैन्य चिकित्सकों, पैरामेडिक्स और अस्पताल के कर्मचारियों को कोरोनोवायरस बीमारी से बचाव के लिए टीका लगाया जा रहा है। शनिवार को देशभर में कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। लाभार्थियों में से प्रत्येक को भारत के दो स्वदेशी टीके – कोवैक्सीन या कोविशील्ड में से एक दिया जा रहा है। प्रत्येक लाभार्थी को 28 दिनों के अंतराल में एक ही वैक्सीन की दो खुराकें मिलेंगी।
सशस्त्र बलों ने कोरोनवायरस के हमले के सामने लोगों की पीड़ा को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कोविड-19 प्रभावित क्षेत्रों, जैसे कि चीन, ईरान, इटली, मलेशिया, और अन्य देशों में फंसे भारतीयों को निकालकर देश लाने और देशभर में मुश्किलों में फंसे लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने में अहम योगदान दिया।
सशस्त्र बलों ने अपने सभी चिकित्सा और जनशक्ति संसाधनों को रखा है।
सशस्त्र बलों के अस्पताल और चिकित्सा सुविधाएं कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए समर्पित की गई हैं और इसके कुछ बेस को क्वांरटीन सेंटर में बदल दिया गया है।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रयासों के बारे में बात करते हुए, भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा था कि नौसेना, राष्ट्र और उसके नागरिकों के लिए जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए महामारी के दौरान इन सबकी भूमिका ‘केयर-गिवर्स’ में बदल गई।
इसी तरह, भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि भारतीय सेना ने सभी राज्य सरकारों और नागरिकों की मदद की।
वहीं, भारतीय वायुसेना ने माले, कुवैत, कांगो, दक्षिण सूडान और अन्य देशों में चिकित्सा उपकरण और आपूर्ति की और विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वहां से निकालकर स्वदेश लाने में भी अहम भूमिका निभाई।
सशस्त्र बलों के विभिन्न संगठनों जैसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड, भारतीय तटरक्षक, कैन्टोनमेंट बोर्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर ने अपने-अपने तरीके से महामारी के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया।
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