गुवाहाटी, 25 नवंबर (आईएएनएस)| गुवाहाटी में बड़ी संख्या में पार्टी नेता, कार्यकर्ता और हजारों महिला, पुरुषों ने अपने दिग्गज कांग्रेस नेता और असम के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(जीएमसीएच) में सोमवार को निधन हो गया था। वह 86 साल के थे। गोगोई के पार्थिव शरीर को मंगलवार को जीएमसीएच से उनके आधिकारिक निवास, राज्य नागरिक सचिवालय जनता भवन और असम कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन ले जाया गया था। यहां लोगों द्वारा अंतिम सम्मान दिए जाने के लिए उनके शव को श्रीमंत संकरादेवा कलाक्षेत्र में रखा गया था।
असम प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा कि गोगोई का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुरुवार को दिसपुर के मानबेन्द्र सरमा कॉम्प्लेक्स में होने की संभावना है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य केंद्रीय नेताओं के बुधवार को गुवाहाटी आने की संभावना है।
दिवंगत नेता का शव कांच के ताबूत, पुष्पमाला और फूलों में लिपटा हुआ था। उन्हें उनके सांसद बेटे गौरव गोगोई, रिपुन बोरा, विपक्षी नेता देवव्रत सैकिया और प्रदुत बोरदोलोई और रकीबुल हुसैन जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कंधा दिया।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर के साथ जुलूस के दौरान, हजारों राहगीरों और प्रतीक्षा करने वाले पुरुषों और महिलाओं ने अपने प्रिय नेता को पुष्पांजलि अर्पित की। उनमें से कई रोते हुए देखे गए।
वहीं राज्य सचिवालय जनता भवन में मुख्य सचिव जिष्णु बरूआ, पुलिस प्रमुख भास्कर ज्योति महंत और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
असम के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल ने सोमवार को गोगोई के सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की। गौरतलब है कि गोगोई 15 सालों तक, यानी साल 2001-2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहे।
साल 1971 से 2001 के बीच असम से छह बार सांसद रहे दिवंगत गोगोई अपनी मृत्यु के समय जोरहाट जिले के टीटाबर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।
कोविड-19 से संक्रमित हुए गोगोई को 60 दिनों के इलाज के बाद संक्रमण से उबरने के पश्चात 25 अक्टूबर को जीएमसीएच से छुट्टी दे दी गई थी।
हालांकि पोस्ट कोविड-19 जटिलताओं के बाद वरिष्ठ राजनेता को 2 नवंबर को जीएमसीएच में फिर से भर्ती करना पड़ा और शुक्रवार से उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई।
जीएमसीएच के डॉक्टर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में थे। उनकी गंभीर स्थिति के कारण गोगोई को इलाज के लिए राज्य के बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता था।
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