November 17, 2024

बरेली : प्लाइवुड फैक्टरी के मालिक की हत्या कार में मिल शवं

: बरेली दिल्ली हाईवे के संपर्क मार्ग पर कार में शव मिला है। संजीव की गर्दन पर पीछे से धारदार हथियार के वार कर उनकी हत्या की गई थी।

बाबूराम (बरेली ब्यूरो चीफ)

बरेली / औद्योगिक परसाखेड़ा क्षेत्र में स्थित प्लाइवुड फैक्टरी महावीर इंडस्ट्रीज के मालिक 55 वर्षीय संजीव कुमार गर्ग की धारदार हथियार से गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। शुक्रवार सुबह उनका शव फतेहगंज पश्चिमी में शंखा नदी के पुल के पास उन्हीं की कार की ड्राइविंग सीट पर मिला। संजीव बृहस्पतिवार रात फैक्टरी से प्रेमनगर स्थित अपने घर नहीं लौटे थे। रात से ही उनका बेटा उनकी तलाश कर रहा था। परसाखेड़ा में संजीव कुमार गर्ग की काफी बड़ी प्लाइवुड फैक्टरी है जहां से कई दूसरे राज्यों में माल जाता है। वह अकेले ही फैक्टरी संभालते थे। उन्होंने ड्राइवर नहीं रखा हुआ था और खुद ही कार चलाकर फैक्टरी आते-जाते थे। बृहस्पतिवार सुबह दस बजे रोज की तरह वह घर से फैक्टरी गए थे लेकिन रात को देर तक नहीं लौटे। उनके बेटे शुभम ने दो-तीन बार फोन किया तो उन्होंने जल्दी आने की बात कही लेकिन यह नहीं बताया कि वह कहां हैं। आधी रात के बाद भी संजीव नहीं लौटे तो शुभम ने उनकी तलाश शुरू कर दी। कार में लगे जीपीएस के जरिए उसकी लोकेशन ट्रेस कर शुभम सुबह आठ बजे दिल्ली हाईवे पर स्थित शंखा नदी के पुल से अगरास गांव जाने वाली सड़क पर बढ़े तो 50 मीटर आगे ही एक किनारे कार खड़ी मिल गई। किसी राहगीर की सूचना पर इसी बीच इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी राजेश कुमार भी पहुंच गए। संजीव का शव कार की ड्राइविंग सीट पर पड़ा था और दरवाजा खुला होने की वजह से बाहर लटक गया था। साइड व्यू और रियर व्यू के शीशे टूटे हुए थे। विंड स्क्रीन को पत्थर या डंडा मारने के निशान थे लेकिन इसके बावजूद वह नहीं टूट पाई थी। कार के आगे सड़क पर खून पड़ा था। संजीव की संजीव की गर्दन पर पीछे से धारदार हथियार के वार कर उनकी हत्या की गई थी। अनुमान है कि सड़क पर उतारकर हत्या करने के बाद उनका शव ड्राइविंग सीट पर डाल दिया गया। एसएसपी रोहित सजवाण और एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने भी मौका मुआयना किया। फोरेंसिक टीम को भी बुला लिया गया। पुलिस ने शुभम की ओर से अज्ञात हत्यारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। शुभम ने पिता की किसी से दुश्मनी होने से इनकार किया है। घटना के खुलासे के लिए एसएसपी ने कई टीमें गठित की हैं, हालांकि देर रात तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा। वहीं संजीव के दोनों मोबाइल और पर्स उन्हीं के पास मिलने से यह पुष्टि हो गई कि लूट के लिए उनकी हत्या नहीं की गई है।

 

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