बाबूराम (ब्यूरो चीफ बरेली)
बरेली, (उत्तर प्रदेश) / सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक बरेली गिरवर सिंह द्वारा गत दिनों स्कूलों को स्थाई मान्यता या मान्यता नवीनीकरण कराने हेतु नोटिस भेजे गए। इन नोटिस भेजने पर पुनर्विचार की मांग लेकर मान्यता प्राप्त स्कूलों के संगठन बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल उक्त अधिकारी से मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे समिति के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश चन्द्र सक्सेना ने स्कूलों का पक्ष रखते हुए कहा कि शासनादेश 11- 01- 19 से पूर्व से मान्यता प्राप्त प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूलों की मान्यताएं स्थाई प्रवृत्ति की हैं जिनको नवीनीकृत करने या स्थाई कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। काले शासनादेश 11-01-19 से पूर्व से मान्यता प्राप्त चले आ रहे स्कूलों से अपेक्षा की गई है कि वे एक वर्ष के अन्दर शासनादेश में दी गयी शर्तों को पूर्ण करलें अन्यथा उनकी मान्यता समाप्त हो जायेंगी। समिति इस शासनादेश की शर्तों को पूर्व से मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू न किया जाए की मांग 02 -07- 19 से शासन से आन्दोलन व ज्ञापनों के माध्यम से लगातार करती आ रही है और समिति की मांग पर निर्णय शासन स्तर पर लम्बित है। यदि शासन ने हमारी मांग नहीं मानी और शासनादेश की शर्तें सख्ती से लागू कीं तो प्रदेश के 85 प्रतिशत एक लाख स्कूल बंद हो जायेंगे क्योंकि यह स्कूल न ही आज और न ही आगे शर्तों को पूर्ण कर पायेंगे। समिति के पक्ष से सहमत होते हुए ए डी बेसिक बरेली गिरवर सिंह ने निर्देशित किया कि कार्यालय व समिति कोई ऐसा रास्ता निकालें जिससे मान्यता प्राप्त स्कूल बन्द न हों। ज्ञापन समिति प्रदेश पदाधिकारियों पंकज कुमार सक्सेना, सुरेश कुमार यादव, अभय भटनागर, अभिषेक द्विवेदी, राकेश विक्रम सक्सेना, संजय पौल ,कृष्ण कुमार शर्मा, प्रदीप कुमार गुप्ता सहित नवाबगंज अध्यक्ष अमित कुमार गंगवार, डा नन्द राम मौर्य, अनूप गुप्ता, आनन्द सैमसन, नरेंद्र देव, लालता प्रसाद, मोहम्मद अशरफ, देवेन्द्र सिंह, कृष्ण पाल शर्मा, नरेश शर्मा, छत्रपाल गंगवार व राजीव मिश्रा ने दिया।
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