मुकेश कुमार (ब्यूरो चीफ जमुई)
जमुई,(बिहार)। सावन का महीना बेटियों और महिलाओं के लिए खास होता है। इसे और विशेष बनाने के लिए जमुई में जगह – जगह सावन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सावन को हरियाली का महीना माना जाता है। इस महीने में जमकर बारिश होती है। इस वजह से धरती हरी – भरी हो जाती है। इसलिए इस महीने में हरे रंग का बड़ा महत्व है। सीबीएसई मान्यता प्राप्त प्रसिद्ध निजी शिक्षण संस्थान ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल ने इसी कड़ी में गुरुवार को पाठशाला परिसर में सावन महोत्सव का भव्य आयोजन किया। स्कूल की बेटियों और बेटों ने महोत्सव में बढ़ – चढ़ कर हिस्सा लिया और इसे रोचक अंदाज में सफल बनाया। महोत्सव में उम्र की दीवारें टूट गई। युवती और महिलाएं एक जुट हुई। हरे रंग की साड़ी , चूड़ी , बिंदी और सोलह श्रृंगार कर स्त्रीलिंग महोत्सव में शामिल होने पहुंची। मौके पर एक ओर जहां उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं दूसरी ओर पौधारोपण कर धरती को हरा – भरा रखने का आमजनों को संदेश भी दिया।
इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने वर्किंग मॉडल , पोस्टर प्रिंटिंग , नृत्य , भाषण , मिस सावन क्वीन , रैम्प वॉक आदि मनोरंजक प्रतियोगिताओं में भाग लिया और खूब मस्ती करने के साथ जलवा बिखेरा। विभिन्न प्रतियोगिताओं में अशोका हाउस प्रथम , शिवाजी और रमन हाउस द्वितीय स्थान के लिए बराबरी पर रहे वहीं टैगोर हाउस ने तीसरा स्थान प्राप्त कर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा से उपस्थित लोगों को दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि के साथ गणमान्य नागरिकों ने विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर सावन महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि सावन प्रकृति के श्रृंगार का महोत्सव है।इस माह का हर चाव निराला है। इसके कण – कण में उत्साह और उमंग भाव झलकता है। इसमें श्रद्धा और विश्वास और अधिक प्रगाढ़ होता है।
उन्होंने आगे कहा कि सावन का शिव से गहरा संबंध है। गर्मी में वसुधा व्याकुल होती है। तब आषाढ़ के बाद सावन माह अमृत की जलकुंपी लेकर आता है और धरा को हरा – भरा कर देता है। इसके आने मात्र की दस्तक से प्रकृति कण – कण श्रृंगारित हो जाता है। धरती खिलने लगती है। पहाड़ों पर ठूंठ बनकर खड़े पेड़ भी अहलादित हो उठते हैं। वसुंधरा हरियाली की घनी चादर ओढ़कर कोहबर में जाती नई – नवेली दुल्हन की तरह नजर आती है। नवजल के आगमन से नदी और नालों में छुई – मुई की तरह मुरझाई मछलियां अपनी चंचलता से लबरेज हो जाती है। सरोवरों के पास जलराशि बढ़ती है तो पशु पक्षियों के कलरव से मन मयूर बनकर थिरकने लगता है।
आकाश में बादलों का साम्राज्य हो जाता है। इसके प्रभाव से सूर्य , चंद्रमा के अलावे तारे भी निकलने में कतराने लगते हैं। इन्हीं खूबियों के चलते सावन मास का भारतीय संस्कृति में खास महत्व है। इसे और गरिमा प्रदान करने के लिए हम सभी जन उत्साह और उमंग के साथ सावन महोत्सव मनाते हैं और इसकी हरियाली में सराबोर हो जाते हैं।
एसडीपीओ डॉ. कुमार ने सावन महोत्सव आयोजन के लिए पाठशाला परिवार की जमकर तारीफ की और सबों को जिगर से शुभकामना दी।
निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने आगत मेहमानों का बातिन से खिदमत करते हुए कहा कि सावन माह अपनी उपमा आप है। इसे शब्दों में पिरोना कतई संभव नहीं है। उन्होंने अतिथियों के प्रति आभार जताया।
सचिव कुसुम कुमारी , शिक्षाविद डॉ. निरंजन कुमार , चिकित्सक डॉ. रिंकी कुमारी , डॉ. सुमन आदि ने भी सावन महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया और इसके आयोजन को जायज ठहराया। प्राचार्य ऋतुराज सिन्हा , उप प्राचार्य शिवांगी शरण , सीमांतनी जाना हाजरा , प्रेमलता , सचिन ठाकुर , संजीत कुमार सुधांशु , सुबोध कुमार, सांतन कुमार , अमित कुमार , राकेश कुमार , निरंजन चौधरी आदि ने सावन महोत्सव को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के दरम्यान सावन क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया , जिसमें दिव्या भारती ” सावन क्वीन ” बनी। उन्हें खास तौर पर पुरस्कृत किया गया।
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