नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह 5 जुलाई से शुरू होने वाली परीक्षा के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के उम्मीदवारों को कोविड के नाम पर नियमों में बदलाव करने या अनुचित छूट देने के लिए इच्छुक नहीं है।
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने एक याचिकाकर्ता वकील से कहा, “हम नियमों में बदलाव नहीं करेंगे। आपको पूरे समूह के लिए उपस्थित होना होगा, यदि आप एक पेपर चूक जाते हैं, और चांस लेना चाहते है तो चांस ले लीजिए।”
याचिकाकतार्ओं में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा, “हम आपको बताना चाहते हैं कि हम परीक्षा से बचने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।”
उन्होंने तर्क दिया कि ऑप्ट आउट विकल्प उन लोगों को दिया जाना है जो कोविड से पीड़ित हैं, या परिवार के सदस्य कोविड से पीड़ित हैं । उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया नोट इसे कैप्चर नहीं कर रहा है।
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि यह उम्मीदवारों के लिए ऑप्ट आउट विकल्प पर है, और बाकी सभी प्राधिकरण के अनुसार एसओपी पर हैं।
पीठ ने याचिकाकतार्ओं के वकील से पूछा कि छात्रों के पास एक पूर्ण विकल्प होना चाहिए कि वे ऑप्ट आउट करें या नहीं, और जब वह विकल्प है तो आपके लिए दूसरा क्या तर्क है?
न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि जहां तक वास्तविक कोविड मुद्दों का सवाल है, हम इस पर गौर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कोविड के नाम पर हम इस दायरे का इतना विस्तार नहीं कर सकते।”
न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने जोर देकर कहा कि यदि किसी उम्मीदवार को पूरे समूह में उपस्थित होना है, तो उसे उपस्थित होना होगा। उन्होंने कहा, “कोविड को एक बीमारी के रूप में माना जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल नियमों में बदलाव के लिए नहीं किया जा सकता है।”
आईसीएआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सीए परीक्षा में ऑप्ट आउट का विकल्प उन लोगों को दिया जाएगा, जो कोविड से “हाल ही में पीड़ित” हैं या जिन्हें कोविड के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऑप्ट आउट सुविधा उन उम्मीदवारों के लिए है जो कोविड या उसके परिवार के सदस्य हाल के दिनों में बीमारी से पीड़ित है । जिसे एक चिकित्सक द्वारा प्रमाणित किया गया हो और जिसके परिणामस्वरूप उम्मीदवार असमर्थ है तैयारी करने के लिए अक्षम हैं, उन्हें बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।
अदालत ने आदेश में कहा, “उम्मीदवार को आरटी पीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है, यदि पंजीकृत चिकित्सक द्वारा स्वयं या परिवार के सदस्य के लिए चिकित्सा प्रमाणपत्र के साथ बाहर निकलने का अनुरोध किया गया है।”
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