नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू कृषि से जुड़े तीन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन रविवार को लगातार 11वें दिन जारी है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा समेत देश के अन्य हिस्सों से आए प्रदर्शकारी किसान डटे हुए हैं। किसान संगठनों ने आठ दिसंबर (मंगलवार) को भारत बंद का आह्वान किया है। तीनों नए कृषि कानूनों से संबंधित किसानों की समस्याओं को लेकर भारत सरकार के साथ शनिवार को किसान नेताओं के पांचवें दौर की वार्ता विफल रही। हालांकि सरकार ने उन्हें फिर नौ दिसंबर को अगले दौर की वार्ता के लिए बुलाया है।
इससे पहले किसान संगठन आगामी मंगलवार को भारत बंद को सफल बनाने में जुटे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि उनका यह आंदोलन अब सिर्फ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका स्वरूप देशव्यापी बन चुका है और इसकी तस्वीर आठ दिसंबर को भारत बंद के दौरान साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को अन्नदाता कहती है, लेकिन नये कानून लाकर उस अन्नदाता का हक छीनने का काम कर रही है।
सरकार ने किसान संगठनों को नये कृषि कानूनों में संशोधन कराने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन किसान नेता तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। यही वजह रही है कि शनिवार को पांचवें दौर की वार्ता से भी कोई नतीजा नहीं निकला।
किसानों की मांग और आगे की रणनीति के संबंध में भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल बताते हैं कि किसानों की पहली मांग तीनों कानूनों को वापस लेने की है और जब तक ये कानून वापस नहीं होंगे किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
हरिंदर सिंह ने आईएएनएस से कहा, ”अब आश्वासन नहीं एक्शन चाहिए। इसलिए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर इन तीनों कानूनों को जब तक वापस नहीं लेगी, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।”
दिसंबर महीने की शुरूआत से ही उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है और किसान 26 नवंबर से यहां देश की राजधानी की सीमाओं पर जमे हुए हैं। प्रदर्शन में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। इसलिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उनसे बुजुर्ग और बच्चों को वापस घर भेजने की अपील की है।
तोमर ने कहा, ”सर्दी का सीजन है और कोविड का संकट है इसलिए जो बुजुर्ग लोग हैं और बच्चे हैं उनको अगर यूनियन के नेता आह्वान करके घर भेज देंगे तो वे सुविधा से रह सकेंगे। यह आग्रह मेरा किसान यूनियन से है। ”
तोमर ने शनिवार की वार्ता समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अगले दौर की वार्ता नौ दिसंबर को होगी, जिस पर सबने सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों से जुड़ी सारी समस्याओं का समाधान करने और नये कानूनों में संशोधन करने को तैयार है। उन्होंने कहा, ”किसानों की ओर से इस संबंध में जो भी प्रस्ताव आएगा उस पर विचार किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि अगले दौर की वार्ता में जो भी फैसला लिया जाएगा वह किसानों के हितों में होगा।
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