November 17, 2024

पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की भूमि पर लगातार कब्जे की कोषिश करने वालों के खिलाप कार्यवाही को लेकर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया।

संवाददाता :- सुनील कुमार

हल्द्वानी,(उत्तराखंड)। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर नगर मैं न्यायालय के आदेश के बाबजूद असामाजिक तत्वों द्वारा विवादित जगह पर खंडित मूर्तियां रखने निर्माण की कोषिश करने बल्लियां निकालने वालों के खिलाप कार्यवाही को लेकर नगर मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को ज्ञापन दिया, पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संस्थापक सदस्य हुकम सिंह कुंवर के नेतृत्व मंच के लोगों ने नगर मजिस्ट्रेट रिचा सिंह से मुलाकात की, उनको जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय के आदेश के बाबजूद कुछ लोग शिव रात्रि के दिन विवादित जगह जबरन घुस गए,उन्होंने वहां पर खंडित पूजा सामग्री रख दी, निर्माण की कोशिश करने लगे,वहां से बल्लियां भी ले गए,और मंच के पदाधिकारियों को धमकी भी दे गए, नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि वहां पर कोई निर्माण नही हो सकता है क्यों कि न्यायालय ने निर्माण पर रोक लगा रखी है,वह स्वयं इस मामले मैं गंभीर है,वह आज ही इस पर न्यायोचित कार्यवाही करेंगी,संस्थापक सदस्य हुकम सिंह कुंवर ने विवादित जगह को शील करने की मांग की है,ताकि वहां पर पूजा के नाम पर माहौल खराब करने से रोका जा सके,मंच के अध्यक्ष डॉक्टर चंद्र शेखर तिवारी के हताक्षरों से दिए गए ज्ञापन मैं नगर मजिस्ट्रेट से मांग की गई है जो लोग शिवरात्रि पर्व पर जबरन विवादित जगह घुसे उनके खिलाप तुरंत कार्यवाही हो, आए दिन चोरों की तरह कभी रात मैं कभी चोरी छिपे अवैध निर्माण करने की कोशिश करने वालों के नाम ज्ञापन मैं दिए हैं,इनके खिलाप कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, महासचिव मुकेश शर्मा ने कहा कि 25 फरवरी शनिवार को पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की आम सभा रखी है बैठक मैं आगे की रणनीति तय होगी, उन्होंने कहा कि पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच पहाड़ की एक धरोहर है, इसे बचाए रखना पूरे पहाड़ की जिम्मेदारी है, बाद मैं कोतवाली मैं भी जबरन विवादित जगह जाकर कब्जा करने वालों के खिलाप एक प्राथमिकी दर्ज कराई है, ज्ञापन देने वालों में ऐडवोकेट बी सी पनेरू, प्रदीप तिवारी, धाम सिंह प्रगाई भोपाल सिंह बिष्ट,जगत सिंघ,वीरेंद्र गुप्ता, शोभा बिष्ट, त्रिलोक बनौली,लोकेश नेगी,कमल जोशी, प्रदीप बर्गली जया पाठक, मुन्नी पंत पुष्पा संबल,देवेंद्र तोलिया, मधु सांगुड़ी,आदि लोग सामिल थे।

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