November 15, 2024

हाथरस गैंगरेप पीड़िता का कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार

हाथरस, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ देने वाली 19 वर्षीय दलित युवती के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार तड़के कर दिया गया। 14 सितंबर को ऊंची जाति के चार लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। एक पखवाड़े तक जिंदगी से जूझने के बाद मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।

उसका शव मध्यरात्रि के आसपास बुलगढ़ी गांव में पहुंचा और अंतिम संस्कार तड़के 3 बजे किया गया।

पीड़िता के भाई ने मीडिया को बताया, “पुलिस ने जबरन शव को ले लिया और मेरे पिता को दाह संस्कार के लिए साथ ले गए। जब मेरे पिता हाथरस पहुंचे, तो उन्हें पुलिस द्वारा तुरंत (श्मशान) ले जाया गया।”

पीड़िता का शव गांव पहुंचते ही तनाव का माहौल हो गया और लोगों ने एम्बुलेंस को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर ने रात में दाह संस्कार करने में पुलिस द्वारा कोई भी जल्दबाजी दिखाने की बात से इनकार किया। सूर्यास्त के बाद आम तौर पर दाह संस्कार नहीं किया जाता है।

उन्होंने कहा कि पार्थिव शरीर के बूलगढ़ी गांव में पहुंचने के बाद परिवार द्वारा अंतिम संस्कार किया गया। एसपी ने दावा किया कि गांव में शांतिपूर्ण माहौल है लेकिन भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

कथित तौर पर हाथरस के गांव में चार पुरुषों द्वारा युवती का दुष्कर्म किया गया था, जिन्हें बाद में हिरासत में ले लिया गया। शुरुआत में पीड़िता को अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन सोमवार की रात उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया।

गंभीर हालत होने के कारण वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी।

पुलिस ने दावा किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी यौन हमले की पुष्टि नहीं हुई है।

युवती के खिलाफ हुई क्रूरता को लेकर कई नेताओं, बॉलीवुड कलाकारों और एक्टिविस्टों ने नाराजगी जताई है और देश भर में आक्रोश का माहौल है और उसके लिए न्याय की मांग की गई है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि यह चिंता का विषय है कि पीड़ित परिवार को उसका अंतिम संस्कार करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया। उन्होंने कहा, “यह अन्यायपूर्ण और अनुचित है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया, “सरकार ने पीड़िता का दाह संस्कार करने के लिए परिवार के अधिकार को छीन लिया। सरकार ने उसे सुरक्षा और समय पर इलाज नहीं दिया और अब उन्होंने उसकी मौत के बाद उसे सम्मान भी नहीं दिया।”

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