इंदौर, 27 (आईएएनएस)| कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने उद्योग जगत को बुरी तरह प्रभावित किया है, आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है। कोरोना के बाद उद्योग जगत को कैसे उबारा जाए, इसके लिए इंदौर का भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) शोध करेगा। इसके लिए आईआईएम आने वाले दिनों में द ड्यूश गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनरबीट (जीआईजेड) और जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के साथ शोध का काम करेगा। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी ने व्यापारिक जगत की कमर तोड़ दी है, अब उनके सामने इस बात की चुनौती है कि आगामी समय में कारोबार को कैसे चलाया जाए और जो चुनौती आए उससे कैसे निपटा जाए। इसी को लेकर शोध किया जाने वाला है। इस शोध के दौरान यह रास्ता खोजा जाएगा कि उद्योग आगामी समय की चुनौतियों के लिए किस तरह से तैयार हो, इसके लिए आईआईएम इंदौर को 85.3 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है।
बताया गया है कि शोध के दौरान व्यावसायिक क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए किए गए उपायों के दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। ताकि भविष्य में महामारी का सामना करने के लिए कुछ बेहतरीन उपाय हासिल किए जा सकेंगे।
आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय का मानना है कि इस शोध के परिणाम महत्वपूर्ण होंगे। विभिन्न क्षेत्रों के लिए यह शोध लाभकारी सिद्ध होगा। यह भविष्य में किसी भी महामारी का सामना करने के लिए हमें तैयार करेगा। साथ ही इससे भारत में भविष्य की स्वास्थ्य नीतियों को आकार देने में भी मदद मिलेगी।
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