संवाददाता :- सुनील कुमार
किच्छा, (उत्तराखंड )। पन्तनगर विश्व ख्याति प्राप्त गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय पन्तनगर के परिसर में स्थित कैम्पस स्कूल से सभी भली-भाँति परिचित हैं। कृषि विश्वविद्यालय, पन्तनगर में कार्यरत प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कार्मिकों में अधिकांश के बच्चे इस स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस स्कूल के कई पूर्व छात्र छात्राओं ने विभिन्न क्षेत्रों में देश दुनिया के भीतर विश्वविद्यालय एवं प्रदेश का नाम रौशन किया है। पवन ने बताया कि बेहतर शिक्षा देने एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला यह संस्थान वर्तमान समय में विपरीत परिस्थिति से जूझ रहा है। कोरोना काल के बाद से वित्तीय संकट की स्थिति निरन्तर बनी हुई है, जिसके कारण स्कूल के समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी पूर्ण रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
स्कूल शिक्षकों ने बताया कि कोरोना महामारी के पश्चात् स्कूल की वित्तीय स्थिति निरन्तर बिगड़ती रही है जिसके प्रभाव से यहाँ कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय पर न तो वेतन प्राप्त हो रहा है, न ही कोई अन्य भत्ते प्राप्त हो पा रहे हैं। स्कूल में वर्षों से कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की आजीविका का एकमात्र साधन स्कूल द्वारा प्रदत्त वेतन ही है, और समय पर वेतन प्राप्त न होने के कारण सभी का जीवन व्यक्तिगत रूप से प्रभावित भी हो रहा है। अपने परिवार का भरण पोषण करने में, उचित चिकित्सा प्राप्त करने में, लोन आदि की मासिक किस्त भरने में वे असमर्थ हैं, ऐसी विभिन्न आवश्यकतायें हैं जिनकी पूर्ति समय से न हो पाने से सभी मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। समाजसेवी पवन दूबे ने शिक्षकों एवं कार्मिकों की ओर से कैम्पस स्कूल को वित्तीय संकट की स्थिति से निकालने एवं भविष्य में ऐसी स्थिति कभी न बने इसके लिए इस स्कूल का कृषि विश्वविद्यायल, पन्तनगर या प्रदेश सरकार जो उचित और संभव हो में समायोजन करवाने हेतु एक ज्ञापन पूर्व विधायक व पन्तनगर विश्वविद्यालय के प्रबन्ध परिषद के सदस्य राजेश शुक्ला को उनके आवास पर जाकर दिया। पवन ने शुक्ला को अवगत कराते हुए अनुरोध भी किया कि स्कूल की स्थिति बेहद दयनीय है यदि इस संकट का शीघ्र समाधान नहीं होगा तो यहाँ के सभी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, उनके आश्रितों के साथ स्कूल के छात्र छात्राओं का भविष्य भी प्रभावित होगा। जिस पर पुर्व विधायक राजेश शुक्ला ने सहानुभूतिपूर्वक देखते हुए समायोजन की दिशा में सकारात्मकता के साथ अपना संरक्षण देते हुए स्कूल एवं सभी कार्मिकों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हर संभव स्तर पर प्रयास करेंगे। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों में डा० एके त्यागी, डा० आर एस सेंगर, एमडी रावत, केपी श्रीवास्तव, कल्पना रावेरकर, प्रियंका भट्ट, डा० डीएन पाण्डे, प्रवीन राणा, जसप्रीत अरोरा, प्राची पारीक, सोम तिवारी, शालिनी श्रीवास्तवा व अन्य शिक्षक एवं कार्मिक थे।
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