November 16, 2024

किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास करेंगे मुख्यमंत्री केजरीवाल

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि किसानों को देशद्रोही बताकर उनके आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी अपील की गई है कि वे भी सोमवार को एक दिन का उपवास रखें। रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से भाजपा के मंत्री और नेता, किसानों को देशद्रोही बताकर उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। देश की रक्षा करने वाले हजारों पूर्व सैनिक भी किसानों के साथ बॉर्डर पर बैठे हैं, खिलाड़ी, सेलिब्रिटी और डॉक्टर आदि भी समर्थन में हैं, भाजपा के मंत्री-नेता बताएं कि क्या ये सारे लोग देशद्रोही हैं।”

उन्होंने कहा, “अन्ना हजारे के साथ रामलीला मैदान में हुए हमारे आंदोलन के दौरान कांग्रेस की केंद्र सरकार ने भी हमें देश विरोधी बता कर बदनाम किया था। आज वही काम भाजपा सरकार कर रही है। अभी तक देश में अनाज की जमाखोरी अपराध था, लेकिन इस बिल के बाद जमाखोरी अपराध नहीं होगा, कोई कितना भी अनाज की जमाखोरी कर सकता है। केंद्र सरकार को अपना अहंकार छोड़ देना चाहिए। अगर जनता इन बिलों के खिलाफ है, तो इन्हें वापस लिया जाए और एमएसपी पर फसलें खरीदने की गारंटी देने वाला बिल बनाया जाए।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों ने एक दिन के उपवास का ऐलान किया है। केजरीवाल ने पूरे देश की जनता से अपील की है कि सब लोग एक दिन का उपवास रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं भी उनके साथ एक दिन का उपवास रखूंगा। मैं सभी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं, समर्थकों से अपील करता हूं कि वो भी किसानों की इन मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखें।”

सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार के कुछ मंत्री और भाजपा के लोग बार-बार कह रहे हैं कि यहां पर देश विरोधी लोग बैठे हुए हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि सेवानिवृत्त हो चुके हजारों पूर्व सैनिक सीमा पर किसानों के साथ बैठे हुए हैं। जिन लोगों ने एक समय देश की रक्षा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई थी, क्या ये सारे देश विरोधी हैं?”

मुख्यमंत्री ने कहा, “कुछ लोग यह कह रहे हैं कि इसमें तो बस पंजाब-हरियाणा के कुछ चंद किसान शामिल हैं, बाकी जनता इसमें शामिल नहीं है। यह उनकी गलतफहमी है। मध्यम और उच्च वर्ग के लोगों ने मुझसे कहा कि यह बिल बड़े खतरनाक हैं। मैंने पूछा क्यों? तो उन्होंने कहा कि इन बिलों में यह लिखा है कि कोई भी आदमी अब कितने भी अनाज की जमाखोरी कर सकता है।”

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