संवाददाता :- सुनील कुमार
लालकुआं, (उत्तराखंड)। देशभर में जहां सरकार जोर-शोर से स्वच्छ भारत अभियान चला रही है, वहीं कुछ लोग सरकार के इस अभियान को पूरी तरह से पलीता लगाने में जुटे हुए हैं, इसका जीता जागता नमूना लालकुआँं जंक्शन पर देखा जा सकता है। यहाँ रेलवे स्टेशन के निकासी गेट के समीप 13वें वित्त आयोग योजना अंतर्गत वित्त पोषित बने सुलभ इंटरनेशनल का सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है। जो एक ओर जहां सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन की छवि तो धूमिल कर ही रहा है, दूसरी तरफ लालकुआँं रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले देश विदेश के यात्रियों के लिए भी खासा पीड़ादायक साबित हो रहा है। पिछले कई माह से गंदगी का पर्याय बन चुका यह सुलभ शौचालय लोगों को बीमारियाँ बांट रहा है। इस शौचालय की बदतर हालत देखकर कहा जा सकता है कि इसकी साफ-सफाई कभी होती ही नहीं है। देखरेख के आभाव में इसके यूरिनल पोट टूटे चुके हैं और संचालन कर्ताओं द्वारा इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित होने के बावजूद इसका संचालन सुलभ इंटरनेशनल का होने के चलते रेल प्रशासन भी इस पर ध्यान नहीं देता है। वहीं संचालकों के लिए यह सुलभ शौचालय केवल पैसा कमाने का अड्डा बन कर रह गया है। इसके अंदर नहाने एवं टॉयलेट यूज़ करने के रूपये तो लिए जाते हैं लेकिन इसकी साफ-सफाई का कतई ध्यान नहीं रखा जाता है जिससे इस शौचालय में गंदगी का साम्राज्य नजर आता है। हालात यह हैं कि लोग मजबूरी में इस इंटरनेशनल सुलभ शौचालय का इस्तेमाल तो कर रहे हैं लेकिन मुंह पर हाथ या रूमाल रखकर आते हैं और अपने ही नसीब को कोसते हुए चले जाते हैं।
इस इंटरनेशनल सुलभ शौचालय में व्याप्त गंदगी के चलते आसपास संक्रमण भी फैलने का खतरा है जिस पर ना तो रेल प्रशासन ध्यान देता है ना ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है। इन सबके बीच कार्यदाई संस्था के कर्मचारी सुलभ शौचालय की साफ-सफाई पर ध्यान ना देकर सिर्फ और सिर्फ पैसा वसूलने में ही मशगुल हैं। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि इस तरह के सुलभ शौचालय को चिन्हित कर इन पर कार्रवाई की जाए, ताकि भारत सरकार की स्वच्छ भारत अभियान योजना की छवि को ठेस ना पहुंचे।
बताते चलें कि यह सुलभ शौचालय व्यस्ततम लालकुआं रेलवे प्लेटफार्म नंबर 1 के समीप एकमात्र फुट ओवर ब्रिज के पास स्थित है, जहाँ से रोजाना देश, विदेश के हजारों रेलयात्री आवागमन करते हैं जिनमें विदेशी पर्यटक भी होते हैं, निकास द्वार के पास स्थित इस सुलभ शौचालय की संड़ाध वहाँ से गुजरने वाले यात्रियों को बरबस ही अपने मुंह पर रुमाल रखने को मजबूर कर देती है। जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश, विदेश में भी यकीनन सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को ठेस पहुंच रही है।
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