November 16, 2024

गरीब परिवार को दिए गए खाली करने के नोटिस के खिलाफ भीमआर्मी के पदाधिकारियों ने नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

संवाददाता :- सुनील कुमार

लालकुआँ,(उत्तराखंड)। लालकुआँ नगर पंचायत प्रशासन द्वारा वार्ड नम्बर तीन निवासी गरीब परिवार को 15 दिन के भीतर भवन खाली करने के दिए गए नोटिस के खिलाफ शुक्रवार को भीमआर्मी के पदाधिकारियों ने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने तत्काल दिए गए नोटिस को निरस्त करने की मांग की साथी ही चेतावनी भी दी कि अगर बेवजह गरीब परिवार को प्रताड़ित किया तो भीमआर्मी के कार्यकर्ता नगर पंचायत के खिलाफ आन्दोलन को बाध्य होगें जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।

बताते चले कि बीते 15 दिन पूर्व नगर पंचायत प्रशासन ने वार्ड नम्बर तीन निवासी शान्तिदेवी पत्नी स्वर्गीय विश्वनाथ को नोटिस देकर भवन खाली करने के आदेश दिए जिसके बाद से परिवार में हडकंप मचा हुआ है। वही जिस भवन को खाली करने के आदेश प्रशासन द्वारा दिए उस भवन में शान्तिदेवी का परिवार पिछले 30 बर्षो से निवास करता आ रहा है। बात पूरे मामले की बात करें तो नगर के एक आरटीआई कार्यकर्ता सतीश कुमार ने एक सूचना नगर पंचायत से मांगी गई जिसमें पता चला कि उक्त भवन सरकारी पैसे से बना है तथा सरकारी भूमि पर है लेकिन वही पीड़ित परिवार का कहना है उक्त भवन उनके द्वारा बनाया गया है जिसका पैसा उनके द्वारा लगाया गया। वही प्रशासन ने आरटीआई की सूचना पर कार्रवाई करते हुए भवन को 15 दिनों के भीतर खाली करने के आदेश जारी किए है जिसके बाद से परिवार में हडकंप मचा हुआ है। इधर पीड़ित परिवार पर हो रही एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए भीमआर्मी के कुमाऊँ मण्डल के अध्यक्ष गोविन्द बोद्ध के नेतृत्व में पहुंचे एक शिष्टमंडल ने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी राहुल सिंह का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने कहा कि नगर पंचायत प्रशासन बेवजह एक गरीब और बेसरा परिवार को परेशान कर रहा है उन्होंने कहा कि गरीब परिवार का उत्पीड़न किसी भी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने नगर पंचायत के अधिशासी अधिशासी से मुलाकात कि जिसमें उन्होंने मांग की है उनके द्वारा दिए गए नोटिस को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये। साथी उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर बेवजह गरीब परिवार को प्रताड़ित किया तो भीमआर्मी के कार्यकर्ता नगर पंचायत के खिलाफ आन्दोलन को बाध्य होगें जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।

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