November 15, 2024

मांग गारोडी समाज का विधान सभा मे दो दिवसीय धरणा आंदोलन पर गरजेंगे अपनी समस्यां लेकर

दीपचंद शेंडे  (रिपोर्टर नागपूर)

नागपूर, (महाराष्ट्र) । आजादी के आज 75 वर्ष बाद भी आबादी के दृष्टिकोन से करीब साडेतीन से चार करोड आबादी वाला मांग, गारोडी समाज सामान्य नागरिकों को मिलने वाली हर बुनियादी सुविधाओ से वंचित रहकर, भूक, बेकारी, गरिबी, अन्याय को सहते हुए अपने अस्तित्व को बचाने की कोशिश कर रहा है। इसी सिलसिले में नागपूर में विधान मंडल के शीत सत्र में महाराष्ट्र स्तर पर धारणा आंदोलन किया जायेगा क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सक्षम नेतृत्व नही मिलने से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। ब्रटिश शासन काल के पूर्व समय से अनेक नामो से मशहूर आज भी मांग गारोडी समाज आजादी के 75 वर्ष बाद भी शासन प्रशासन जनप्रतिनिधीयो की उपेक्षा का शिकार है। महाराष्ट्र मे मांग गारोडी, मांग गारुडी, गारुडी, पेंढारी, आदी नाम से जाना जाता है। भैस के बाल काटना, कान का मैल निकालना, शरीर की मालिश करना, कैची,छूरी को धार लगाना, आयुर्वेदिक दवाईया बेचना, कबाड एकत्रित कर जीवन यापन करना, भीक मांगने जैसी अप्रतिष्ठित समझनेवाले कार्य, सार्वजनिक स्थलो पर नाच गायन जैसे कार्य कर के वर्तमान समय मे जीवन यापन करने वाला यह समाज, जिसने देश की आजादी मे अपनी अहम भूमिका निभाई वे अपनी विभिन्न मांगो को लेकर नागपूर विधानसभा मे 26, 27 दिसंबर को, दो दिवसीय ठिय्या आंदोलन कर रहे है। मांग गारोडी समाज के लिए किये हुए सर्वेक्षण के अनुसार, 62 प्रतिशत लोग विमुक्त बेघर भूमिहीन होने के साथ ही 54 प्रतिशत मांग गारोडी लोग बँक लोन, 58 जाती प्रमाणपत्र से वंचित है। जिसमे 58 प्रतिशत अतिपीछडे मांग गारोडी समाज के लोग बीपीएल कार्ड, 41 प्रतिशत लोग राशन कार्ड से वंचित है, जब की इस समाज के पैतृक धंदे नदी किनारे रहकर जंगल मे शिकार करना, जंगली जडीबुटी से आयुर्वेदिक दवाईया बनाकर बेचना, साप, बंदर, भालू, सहीत रास्तो पर कलाबाजी दिखाकर जीवन यापन करने के सभी प्रमुख घटकोपर सरकारी आदेशो ने कुठाराघात किया। जिसमे सिंचन व्यवस्था के विकास के कारण, वन्य जीव संरक्षण कानून से जंगली शिकार पर भी कुठाराघात हुआ, फलस्वरूप आज यह समाज अपनी दुर्दशा पर आसू बहा रहा है। मांग गारोडी समाज का आजादी के बाद राजनीतिक दोहन हुआ, शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक रूप से सुदृढ करणे के लिये किसी भी राजनीतिक दल या संघटन द्वारा पहल नही की गई तथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधी को ज्ञापण के माध्यम से समाज की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित किया गया परंतु परिणाम शून्य ही रहा। मांग गारोडी समाज के लिए अभ्यास संशोधन समिती का गठन, स्वतंत्र आर्थिक विकास महामंडल आदी बनाने की मांग का ज्ञापण नागपूर की विधानमंडल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एवं समाज कल्याण मंत्री, जिल्हाधिकारी, समाज कल्याण उपमहासंचालक को सौंपा जायेगा। नागेश मानकर, उत्तम मानकर, दीपचंद शेंडे, चंदन हातागळे,अनवर खडसे, वातुजी राखडे, जीतेन हातागळे, किरण उपाध्ये, नरेश हातागळे, नत्थू भिसे, नरेश उफाडे, अमन लोंढे, दिनेश नाडे, मुकेश नाडे, प्रकाश शेंडे, राजन भिसे, सुनील शेंडे, राजेश भिसे, विश्वजित गायकवाड, रिदम शेंडे, गुरदीप शेंडे, विजय खडसे, सुंदरलाल पाटील, युवराज राखडे, देवचंद पात्रे, अरविंद पात्रे, आदिने मांग गारोडी समाज से ज्यादा से ज्यादा संख्या मे उपस्थित रहने की अपील की है।

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