नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एजेंसियों को चक्रवात यास प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द सामान्य जनजीवन बहाल करने में तेजी लाने का निर्देश दिया। यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए चक्रवात यास के प्रभाव की समीक्षा करते हुए, प्रधानमंत्री ने चक्रवात से प्रभावित व्यक्तियों को राहत देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जो एक डीप डिप्रेशन में कमजोर होकर उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया। यह अगले 12 घंटों में धीरे-धीरे कमजोर होगा।
प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में केंद्र और राज्यों की एजेंसियों द्वारा निभाई गई अत्यंत प्रभावकारी एवं सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया और इसके साथ ही विभिन्न एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि तूफान प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द से जल्द बहाल हो और इसके साथ ही तूफान से प्रभावित व्यक्तियों के बीच राहत का वितरण उचित रूप से हो जाए।
इस अवसर पर अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं, तूफान से हुए नुकसान के आकलन और संबंधित विषयों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
इस दौरान यह चर्चा की गई कि एनडीआरएफ की लगभग 106 टीमों को तैनात किया गया था। पश्चिम बंगाल/ओडिशा में से प्रत्येक में तैनात की गई 46 टीमों ने 1000 से भी अधिक व्यक्तियों की जान बचाई और 2500 से भी अधिक पेड़ों/खंभों को हटाया जो सड़कों पर गिर गए थे और जिनकी वजह से वहां आवागमन बाधित हो गया था।
थल सेना और तटरक्षक बल ने तूफान में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों की भी जान बचाई, जबकि नौसेना और वायु सेना अलर्ट पर थीं।
वैसे तो संबंधित राज्य चक्रवाती तूफान यास की वजह से हुए नुकसान के आकलन में अभी जुटे हुए हैं, लेकिन उपलब्ध प्रारंभिक रिपोटरें से यही पता चलता है कि सटीक पूवार्नुमान लगाने और तूफान प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से प्रभावकारी ढंग से संवाद करने के साथ-साथ राज्यों एवं केंद्रीय एजेंसियों द्वारा समय पर लोगों की सुरक्षित निकासी करने से जान-माल का कम-से-कम नुकसान सुनिश्चित हो पाया।
इसके साथ ही सैलाब या अतिवृष्टि के कारण जो नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जा रहा है। तूफान से प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, विद्युत सचिव, दूरसंचार सचिव एवं आईएमडी के डीजी और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले 12 घंटों के दौरान चक्रवात के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।
आईएमडी की रात 2.30 बजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि यास के बारे में आखिरी घंटे के बुलेटिन में के अनुसार, चक्रवात केंद्र के पास 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के साथ तेज हुआ है।
यह पिछले छह घंटों के दौरान लगभग 13 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा है।
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