नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि भारत सरकार के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा सदस्यों के पिछले दस महीने से खाली पड़े पदों पर जल्द नियुक्ति की जाए। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की स्थापना संविधान के तहत एक संवैधानिक संस्था के रूप में है। इसमें एक चेयरमैन, एक वाइस चेयरमैन तथा तीन सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा इनका कार्यकाल 3 वषों का होता है। अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के हितों की रक्षा के लिए संवैधानिक निकाय राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में पिछले दस महीने से चेयरमैन, वाइस चेयरमैन का पद खाली पड़ा हुआ है।
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में पिछले दस महीने से चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति न होने से आयोग में दलितों के खिलाफ अत्याचार से संबंधित शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। प्रोफेसर सुमन की जानकारी के मुताबिक पूरे देश से हर रोज 80 से 100 शिकायतें आयोग में आती है। इस समय आयोग के समक्ष लगभग 40,000 शिकायतें लंबित है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के साथ जातीय भेदभाव की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। आयोग में दौलतराम कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, गार्गी कॉलेज, आर्यभट्ट कॉलेज, भारती कॉलेज के अलावा बहुत से कॉलेजों के मामले हैं जिनका निपटारा नहीं हुआ है।
राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उनसे मांग की गई है कि वे जल्द से जल्द किसी सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, सेवानिवृत्त कुलपति या गैर राजनीतिक योग्य व्यक्ति को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन, वाइस चांसलर और तीन अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाए। आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करते समय उसकी पृष्ठभूमि देखी जाए वह राजनीतिक दल से न हो वरना उनके अनुसार ही कार्य करेंगे।
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