November 15, 2024

पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र राजेश शुक्ला, दुष्यंत त्यागी एवं कौशल जायसवाल की मेहनत लाई रंग

संवाददाता :- सुनील कुमार

रुद्रपुर, (उत्तराखंड)। पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र राजेश शुक्ला, दुष्यंत त्यागी एवं कौशल जायसवाल की मेहनत रंग लाई और इजराइल सरकार एवं उत्तराखंड सरकार के बीच हॉर्टिकल्चर का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पंतनगर में शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, राजभवन में महामहिम राज्यपाल की मौजूदगी में 26 जून को कृषि मंत्री गणेश जोशी, सचिव कृषि, निदेशक हॉर्टिकल्चर एवं इजरायल सरकार के एग्रीकल्चर अटैची येयर ईशेल एवं प्रोजेक्ट मैनेजर ब्रह्मा देव के मध्य सैद्धांतिक सहमति बन सके सकी। ज्ञातव्य हो कि भारत सरकार एवं इजराइल सरकार के मध्य इजराइल कृषि तकनीकी का आदान-प्रदान का करार होने के कारण कई राज्यों में इजराइल सरकार की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कर दी गई, किंतु उत्तराखंड में अभी तक यह सेंटर स्थापित नहीं हो सका था। किच्छा पंतनगर के पूर्व विधायक एवं पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व प्रबंध परिषद सदस्य पूर्व छात्र राजेश शुक्ला ने उसका बीड़ा उठाया तथा उनकी मदद को आगे आए दुष्यंत त्यागी (ईनाम के जनक) व कौशल जायसवाल जो कि पंतनगर के पूर्व छात्र हैं तथा इनके सहयोग से इजरायल दूतावास में कृषि अटैची येयर ईशेल से वार्ताकर उन्हें राजी किया तथा उनकी बात माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व माननीय कृषि मंत्री गणेश जोशी से कराई गई। अंततः 26 जून को राजभवन में महामहिम राज्यपाल जी की उपस्थिति में इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन हॉर्टिकल्चर की स्थापना पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की भूमि में करने पर सहमति बन गई। इसके सूत्रधार के रूप में भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक राजेश शुक्ला का कहना है कि यह राज्य की बड़ी उपलब्धि है तथा पंतनगर में इसका केंद्र बनना राज्य के साथ-साथ इस क्षेत्र के लिए बड़ी सफलता है। इससे इजराइली तकनीकी पर अपने राज्य के कृषि विकास विशेष तौर पर फल, फूल एवं सब्जी तथा जड़ी-बूटी के उत्पादन की इजराइली तकनीकी अपनाकर हम अपना उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ लागत के खर्चों में कटौती करके आधुनिक फसलों के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान को पूरा कर सकेंगे तथा दुनिया से कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे, उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को इकट्ठा करके उत्तराखंड के किसानों एवं कृषि के विकास के लिए उनका सहयोग जुटाएंगे और राज्य से हो रहे पलायन को रिवर्स करने का प्रयास करेंगे।

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