November 16, 2024

किशोरों की मनोदशा को समझना हर माता-पिता का कर्तव्य – अनिल मलिक

मनोज जांगड़ा (जिला संवाददाता)

सोनीपत, 18 सितंबर। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद कि राज्य स्तरीय महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह, परामर्श व कल्याण केंद्रों के अंतर्गत आज जानकीदास कपूर पब्लिक स्कूल फेसबुक पर अभिभावकों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए किशोरावस्था के दौरान अच्छी परवरिश के तौर-तरीकों के विषय पर एक वेबीनार को संबोधित करते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक व राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक द्वारा बताया गया कि किशोरावस्था निरंतर परिवर्तन व विकास की उम्र है इस दौरान उत्तेजना, उत्सुकता, दबाव, तनाव को महसूस करते हुए खुद ब खुद अंदरूनी संघर्ष, बदलाव, व्यावहारिक परिवर्तनों के साथ-साथ वातावरण से मिल रहा ज्ञान क्या करूं, क्या ना करूं के साथ हम समूह के दोस्तों के दबाव में संघर्ष कर रहा होता है ऐसे में किशोरों की मनोदशा को समझना हर माता-पिता का कर्तव्य एवं नैतिक और व्यवहारिक जिम्मेदारी भी है l अति चंचल व व्याकुल किशोर मन ऊर्जा से लबालब होता है सही और गलत की जानकारी सही से ना होने की वजह से माता-पिता को अपने जीवन के पूर्व अनुभव का लाभ देते हुए खुद का नजीर नजरिया विकसित भी करना है और बच्चों को सहयोग का हाथ भी बढ़ाना है हर सम- विषम परिस्थिति में आप हमेशा उनके साथ हैं l माता-पिता हमेशा ध्यान रखें कि परीक्षा परिणाम कैसा भी हो आपका सहयोगात्मक सहयोग हमेशा बना रहना चाहिए l विद्यार्थियों और अभिभावकों को परीक्षा परिणाम के मामले में हमेशा रियलिस्टिक होना होगा, बेहतर परिणाम हासिल करने व लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास करने जरूरी है l याद रखें कि कभी भी कोई इंसान हर चाहत के बावजूद अपना 100% नहीं दे सकता l सकारात्मक सोच व आशावादीता के साथ बिना थमें निरंतर प्रयास से आगे बढ़ने के उत्साह को कम नहीं होने देना चाहिए l हमेशा ही हार से सीख लेकर आगे बढ़ते रहना चाहिए l कम अंक का अफसोस करने से अच्छा है पूर्व की गलतियों से सबक लेकर आगे के लिए मेहनत शुरू की जाए l एक बार के परिणाम से हार मान लेना सही नहीं है और उससे भी बुरा है प्रयास करना छोड़ देना l हमेशा भरोसा जगाए रखें, अपना आत्मविश्वास कायम रखें, कामयाबी का यही एक रास्ता है और कामयाबी के लिए समय प्रबंधन बहुत जरूरी है l जीवन के लिए सही नजरिया ,कार्य पूर्णलगन और उत्साह से करना, हमेशा सचेत व जागरूक रहना, अपनी अपनी क्षमता और कमजोरियों को पहचानना, कभी भी दूसरों की नकल ना करना l क्योंकि दोस्तों सफलता मनुष्य के पास ही होती है जब तक इंसान सकारात्मक नजरिए से उसे नहीं ढूंढता वह दिखाई नहीं देती l वेबीनार के सफल आयोजन के लिए जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुड्डा, प्रिंसिपल गीतांजलि ग्रोवर, कार्यक्रम अधिकारी अनिल दहिया, सहायक कार्यक्रम अधिकारी धर्मपाल, परामर्शदाता नीरज कुमार, सेला गुप्ता की विशेष भूमिका रही

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