लखनऊ, 28 अप्रैल (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब राज्य में नदियों को ‘स्वच्छ और निर्मल’ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गोमती नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार करने का आदेश दिया है। इस काम को करने के लिए 1 मई से 15 जून तक गोमती नदी में पानी छोड़ने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि राज्य की गंगा, यमुना, और सरयू सहित सभी 31 नदियों को साफ और निर्मल बनाया जाए।
जल निगम लखनऊ द्वारा 120 एमएलडी ग्यासुद्दीन हैदर (जीएच) नहर एसटीपी का निर्माण 336 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है और यह सितंबर, 2022 तक चालू हो जाएगा।
इसके बाद गोमती नदी में बड़े नालों की गंदगी नहीं गिरेगी। इससे नदी में जलीय जंतुओं को सांस लेने में आसानी होगी।
जीएच नहर, जिसे हैदर कैनाल ड्रेन के नाम से जाना जाता है, कानपुर में सीसामऊ ड्रेन की तर्ज पर राजधानी से होकर गुजर रही है।
जून, 2018 में योगी आदित्यनाथ ने गोमती स्वच्छता अभियान की नींव रखने के बाद नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के निर्देश दिए थे।
इस पहल के साथ राज्य में विभिन्न स्थलों पर सीवेज उपचार संयंत्रों का निर्माण किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, इन परियोजनाओं के लिए पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए विशेष ध्यान रखा गया है। एसटीपी के निर्माण के दौरान छह एकड़ जमीन पर बनाई जा रही जीएच नहर पर 150 बड़े पेड़ों को बचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने पीलीभीत को सौगात दी है, जो पर्यटन हब बनने की राह पर है।
ब्रह्मचारी घाट को विकसित करने के लिए 44.77 लाख रुपये के बजटीय प्रावधान को मंजूरी दी गई थी। पीलीभीत लखनऊ की धरोहर मानी जाने वाली गोमती नदी का उद्गम स्थल है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जल निगम को सुल्तानपुर रोड पर एसटीपी के निर्माण के लिए और बाराबिरवा कानपुर रोड पर जल निकासी की व्यवस्था के लिए एक डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है।
यूपी सरकार ने जल निगम को नदियों के किनारे वृक्षारोपण अभियान चलाने के लिए भी कहा है।
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