रबर फैक्टरी में सभी 39 कैमरो में मिल रही बाघिन की लोकेशन
मचान और ट्रेंक्युलाइज रूम तैयार, खुले में बांधे गए हैं दो पड्डे
बाबूराम ( बरेली ब्यूरो चीफ)
बरेली। डेढ़ साल से रबर फैक्टरी में डेरा जमाए बाघिन की चार दिन से सटीक लोकेशन मिलने के बाद अब विशेषज्ञों को ट्रेंक्युलाइज करने के लिए बुलाया गया है। बुधवार देर शाम तक दुधवा, कानपुर या पीलीभीत से विशेषज्ञों के पहुंचने की उम्मीद है। मंगलवार को ट्रेंक्युलाइज की तैयारियां शुरू कर दी गईं।
फतेहगंज पश्चिमी की वीरान रबर फैक्ट्री में करीब डेढ़ साल से डेरा जमाए रह रही बाघिन को अब घेराबंदी कर पकड़ने के लिए अफसरों ने जाल बिछा दिया है। पिछले दिनों वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ देहरादून, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीमें पहुंचने के बाद सटीक लोकेशन जानने की कोशिश चल रही थी। डीएफओ भरतलाल के मुताबिक, बाघिन को कुछ जगहों तक ही सीमित करने में टीम सफल रही है। उसे पकड़ने के लिए मचान बनाए गए हैं और ट्रेंक्युलाइज रूम भी तैयार हो गया है। सही समय पर सही लोकेशन का इंतजार है। ताकि अगर उसे ट्रेंक्युलाइज किया जाए तो वह जहां भी जाए, उसकी हर एक गतिविधि का तत्काल पता चल सके। बताया कि दस मिनट बाद डार्ट का असर होता है, ऐसे में अगर बाघिन कहीं जाकर छिप गई तो खोजने में समय लगने से उसकी जान को खतरा हो सकता है।
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