बाबूराम ( बरेली ब्यूरो चीफ)
बरेली, फर्जीवाड़े का सूत्रधार सिपाही अनिल कुमार बरेली पुलिस लाइन में ट्रेनिंग के दौरान फेल हो गया तो चुनार में तीन महीने तक उसकी दोबारा ट्रेनिंग हुई। वहां से पासआउट होने के बाद वह बरेली में कई जगह तैनात रहा। नवंबर 2016 में मुरादाबाद ट्रांसफर होने के बाद वर्ष 2017 में वह शिक्षक बन गया तो अपनी जगह साले सुनील को फर्जी सिपाही बना दियाबरेली पुलिस लाइन में तैनात एक सिपाही ने बताया कि मुजफ्फरनगर जनपद के खतौली थानाक्षेत्र के दाहौड़ गांव निवासी अनिल कुमार ने 10 जनवरी 2011 से दिसंबर तक उसके साथ ट्रेनिंग की थी। बताया कि बैच में 499 प्रशिक्षु थे, जिनमें से करीब सौ परीक्षा में फेल हो गए और उनमें अनिल भी शामिल था। इसके बाद चुनार में तीन महीने तक उसकी दोबारा ट्रेनिंग हुई और वहां से पासआउट होने के बाद वह पुलिस लाइन आ गया।
फिर वह जिले के विभिन्न थानों में नौकरी करता रहा। नवंबर 2016 में उसका यहां से ट्रांसफर हुआ था और फिर वह मुरादाबाद चला गया। वर्ष 2017 में पता लगा कि उसकी बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी लग गई लेकिन इसके बाद उससे कभी संपर्क नहीं हुआ। बताया जाता है कि इसके बाद ही उसने अपने स्थान पर साले सुनील को फर्जी सिपाही बना दिया। मगर अपने हाव-भाव और बेहतर प्रदर्शन के चलते सुनील कभी भी अधिकारियों की पकड़ में नहीं आया। शिकायत होने के बाद यह मामला खुला तो अब दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अनिल की बरेली पुलिस लाइन में वर्ष 2011 में ट्रेनिंग हुई थी और इसके बाद वह ड्यूटी करता रहा। नवंबर 2016 में यहां से मुरादाबाद ट्रांसफर होने के बाद ही उसने गड़बड़ी की।
– हरेंद्र पाल सिंह, प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन
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