प्रयागराज, 2 जुलाई (आईएएनएस)| इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान बहु-रंगीन शर्ट और बनियान में पेश होने वाले वकीलों पर कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में एक वकील को स्कूटर पर यात्रा करते हुए सुनवाई में भाग लेते देखा गया था।
अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा, “अधिवक्ताओं की आकस्मिक पोशाक में उपस्थिति किसी भी परिस्थिति में बहुत अनुचित और अस्वीकार्य है। अधिवक्ताओं को यह समझना चाहिए कि उनके घर या कार्यालय या कक्ष से वर्चुअल मोड के माध्यम से मामलों की सुनवाई के लिए उनकी उपस्थिति एक विस्तारित अदालत कक्ष की तरह है और यह उसी तरह से गंभीर है, जैसा अदालत में एक कार्यवाही के दौरान होता है।”
सिंगल जज बेंच ने वकीलों के लिए ड्रेस कोड भी निर्धारित किया है।
अदालत ने कहा, “वर्चुअल मोड में अदालत में पेश होने के दौरान उन्हें ‘सादी सफेद शर्ट/सफेद सलवार-कमीज/सफेद साड़ी’ पहननी होती है। जिस परिसर से वे प्रकट होते हैं, वहां शांतिपूर्ण वातावरण के साथ सभ्य और प्रस्तुत करने योग्य पृष्ठभूमि होनी चाहिए। अदालत के प्रति चौकस रहें। अगर वे काला कोट भी पहनते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा।”
आदेश में आगे कहा गया है, “आज वर्चुअल मोड के माध्यम से वर्तमान मामले की सुनवाई करते हुए, एक पक्ष की ओर से पेश एक वकील कॉलर वाली शर्ट पहने हुए दिखाई दिया और उसके आचरण पर आपत्ति जताए जाने के बाद भी कोई पछतावा नहीं दिखाया।”
अपने आदेश में, अदालत ने इस तरह की उपस्थिति के पिछले उदाहरणों का हवाला दिया, जिसमें ‘फेस पैक के साथ एक महिला वकील’, एक वकील ‘स्कूटर चलाते समय’, और ‘बनियान पहने’ अदालत के सामने पेश हुए थे।
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