लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)| यूपी में किसानों की आय में इजाफा करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर इस बार धान की फसल पर दिखाई देने लगा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान के उत्पादन में राज्य एक बार फिर से कीर्तिमान बनाने जा रहा है। प्रदेष के कृषि विभाग के अनुसार राज्य के 18 मंडलों में से सबसे अधिक धान की बुआई बरेली मंडल में हुई है। बरेली मंडल में 194़40 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई हुई है। इसके बाद मुरादाबाद मंडल में 175़50 हजार हेक्टेयर , मेरठ मंडल में 156़01 हजार हेक्टेयर , अलीगढ़ मंडल में 141़40 हजार हेक्टेयर, सहारनपुर मंडल में 73़72 हजार हेक्टेयर और विन्ध्याचल मंडल में 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई हुई है। इस आंकड़ों के आधार पर कृषि विशेषज्ञों ने धान की पैदावार को लेकर बरेली मंडल के अव्वल रहने का दावा किया है।
बीते साल धान की पैदावार 257़04 लाख टन के पार पहुंच गई थी और इस बार इससे अधिक धान उत्पादन होने का अनुमान धान की बुआई के आधार पर लगाया गया है। कहा जा रहा है कि बीते वर्ष के मुकाबले इस बार दस लाख टन अधिक धान का उत्पादन होगा।
इस खरीफ सीजन में 96़03 लाख हेक्टेयर भूमि में से 60 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई करने का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय किया था। इसमें से 57़72 लाख हेक्टेयर भूमि पर चार अगस्त तक धान की बुआई की जा चुकी थी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी 15 अगस्त तक तय लक्ष्य के अनुसार 60 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई हो जाएगी। बीते साल 58़92 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही धान की बुआई हो पायी थी। बीते साल और इस वर्ष हुई धान की बुआई के आंकड़ों के आधार पर ही अब यह दावा किया जा रहा है कि यूपी में इस बार धान की रिकार्ड पैदावार होगी। यहीं नहीं मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा और मक्का) की पैदावार में भी यूपी एक नया रिकार्ड बनाएगा।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर कृषि के कार्यक्रमों को बाधित नहीं होने दिया गया। प्रदेश में किसानों को खाद बीज की कमी नहीं हुई। यूरिया, डीएपी, एनपीके, जिंक और पोटाश जैसी खादों की किल्लत नहीं होने दी गई। यहीं नहीं गेहूं की कटाई के लिए मशीनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई। षि उपकरणों और उन्नत बीज भी किसानों को उपलब्ध कराए गए। इसके चलते रवि की फसल बेहतर हुई और अब धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन तथा तिल की फसल भी बेहतर होने का अनुमान लगाया गया।
खरीफ की फसलों का उत्पादन बढ़ने से यूपी में धान और मोटे अनाज के भंडारण की समस्या पैदा हो सकती है। इसका भी ख्याल रखा गया है। इसके लिए प्रदेश में अनाज की भंडारण क्षमता बढ़ाई जा रही रही है। 2017 में प्रदेश में भंडारण की कुल क्षमता 29 लाख टन के करीब थी। इसे उनकी सरकार ने तीन साल में बढ़ाकर 51 लाख टन से अधिक किया गया है। इसे बढ़ाकर अब वर्ष 2022 तक 70 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
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