लखनऊ, 10 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी विदेश विभाग के कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी प्रोग्राम के तहत जब सिमरन मंगलवार को अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगी, तो वह अपने पीछे कड़ी मेहनत, धैर्य और प्रेरणा की कहानी छोड़ जाएंगी। तीन साल पहले अपने पिता को खोने वाली सिमरन ने दबाव के आगे झुकने की वजाए अपनी पढ़ाई जारी रखी।
जब उसकी मां लोगों के घरों में काम करती थी, तो सिमरन ने प्रेरणा गर्ल्स स्कूल – स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन में कक्षा 10 की पढ़ाई की।
फाउंडेशन का दावा है कि वह यह स्कॉलरशिप पाने वाली उत्तर प्रदेश की दूसरी छात्रा हैं।
वह न्यूयॉर्क के वेस्ट सेनेका ईस्ट हाई स्कूल (शैक्षणिक वर्ष 2021- 22) में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए मंगलवार को अमेरिका के लिए रवाना होंगी।
साल 2018 में सिमरन ने लंबी बीमारी के चलते अपने पिता को खो दिया था। उन्होंने घर चलाने के लिए अपनी मां की मदद करने का फैसला किया और परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए नौकरी भी की।
16 साल की सिमरन ने कड़ी मेहनत की और सभी बाधाओं को पार किया और अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन किया और साथ ही पढ़ाई जारी रखी।
उनकी एक छोटी बहन जिया है, जो प्रेरणा स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ती है।
सिमरन ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैंने छात्रवृत्ति के लिए कड़ी मेहनत की है और मुझे अपने स्कूल से मिले समर्थन के लिए मैं आभारी हूं। मैं विभिन्न संस्कृतियों के बारे में सीखना चाहती हूं और अपनी भारतीय संस्कृति के बारे में दूसरों को सिखाना चाहती हूं।”
उसने खुशी-खुशी खुलासा किया कि “न्यूयॉर्क में अपने 11 महीनों के प्रवास के दौरान मैं न केवल पढ़ाई करूंगी बल्कि हर महीने 100 अमेरिकी डॉलर की पॉकेट मनी भी हासिल करूंगी।”
सिमरन की मां रेखा वर्मा ने कहा, “मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि मेरी बेटी को इस छात्रवृत्ति के लिए चुना गया है। यह अवसर उसे एक उज्जवल भविष्य में ले जाएगा।”
प्रेरणा गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल राखी पंजवानी ने कहा, “यह हमारे स्कूल के लिए बहुत गर्व का क्षण है। सिमरन सबसे होनहार छात्रों में से एक है और यह उसका समर्पण और कड़ी मेहनत है, जिसने उसे छात्रवृत्ति के लिए चयन में मदद की है।”
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