लखनऊ, 18 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी योगी सरकार ने मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया है। वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यह बजट युवाओं को रोजगार देने व किसानों को राहत देने के लिए है। इसमें प्रदेश ढ़ांचागत विकास के लिए भी इंतजाम किया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष की टोका टाकी के बीच 7301.52 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि यूपी में चल रही उन परियोजनाओं के लिए बजट की मांग की गई थी जो जल्द ही पूरी होने वाली हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। वह सदन की कार्यवाही में बाधा डालना चाहता है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम अन्य राज्यों से कम हैं। इन पर वैट भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है।
सुरेश खन्ना ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करते हुए कहा कि जो अत्यंत जरूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए यह बजट लाया गया है। इसमें युवाओं को रोजगार के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। गन्ना किसानों का भुगतान और अधिवक्ताओं के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि का बजट में प्रावधान किया गया है। राजधानी में अंबेडकर स्मारक तथा सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, आंगनबाड़ी, आशावर्कर और चैकीदारों के लिए मानदेय में वृद्धि, बिजली व्यवस्था में सुधार, गोवंश का रखरखान और आयोध्या में पार्किं ग की व्यवस्था व बेसिक इफ्रास्ट्रक्च र के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश विधान मंडल की मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दिया। विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने महंगाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। घरों में खाने के लाले पड़े हैं। सदन में सबसे पहले महंगाई पर चर्चा होनी चाहिए। इसी बीच सपा समेत विपक्षी सदस्यों हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
इसी बीच सपा समेत विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न बांट रही है। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम अन्य राज्यों से कम हैं। उन पर वैट भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है। विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। वह सदन की कार्यवाही में बाधा डालना चाहता है।
विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी विपक्षी सदस्यों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। इस पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को 40 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। 11.45 बजे विधान सभा में सदन के स्थगन की अवधि को 12.20 बजे तक बढ़ाने की घोषणा हुई।
सदन 40 मिनट के लिए स्थगित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार विधानसभा की परंपरा को तोड़ रही है। प्रश्नकाल और शून्यकाल के बाद नियम 56 में चर्चा कराई जाती रही है, लेकिन आज सरकार ने नियम 56 को 78वें स्थान पर डाल दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने महंगाई पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार नहीं चाहती। सरकार तो सदन ही नहीं चलाना चाहती। नेता विपक्ष ने कहा कि महंगाई इतनी है कि लोगों के भूखों मरने की स्थिति है। इस वक्त सिर्फ जनता की जान लेना सस्ता है। सरकार के मुफ्त राशन वितरण को भी उन्होंने मजाक बताया।
इससे पहले कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ने भी महंगाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा से भागे नहीं। बसपा विधानमंडल दल नेता शाह आलम गुड्डू ने आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस ने हंगामा करके सरकार की मदद की है। सरकार तो चाहती ही नहीं कि जनहित के किसी मुद्दे पर चर्चा हो।
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