कुशीनगर, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का उद्घाटन करेंगे। इस उद्घाटन में कोलंबो से हवाईअड्डे पर एक फ्लाईट उतरेगी, जिसमें 100 से ज्यादा बौद्ध भिक्षुओं और गणमान्य व्यक्तियों का श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल और 12 सदस्यीय विशेष दल भी शामिल होंगे।
श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका में बौद्ध धर्म के सभी चार निकात (आदेशों) के अनुनायक (उप प्रमुख) असगीरिया, अमरपुरा, रामन्या, मालवत्ता साथ ही नमल राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका सरकार के पांच मंत्री शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री यहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।
260 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और 3,600 वर्ग मीटर में फैला यह हवाई अड्डा धार्मिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने ‘महापरिनिर्वाण’ प्राप्त किया था। यह चार प्रमुख बौद्ध सर्किटों में से एक है।
हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार के आसपास के जिलों में भी काम करेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हवाई अड्डा पूर्वी उत्तर प्रदेश में रोजगार और पर्यटन के अवसर लाएगा।
हवाई अड्डे को व्यस्त समय के दौरान 300 यात्रियों को संभालने के लिए सुसज्जित किया गया है।
यह श्रीलंका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर जैसे देशों को सीधी हवाई संपर्क प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
बाद में वह कुशीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए एक सार्वजनिक समारोह में शामिल होंगे।
कुशीनगर वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।
यह एक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है और बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु है, जिसमें लुंबिनी, सारनाथ और गया के अन्य स्थल शामिल हैं।
उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे।
उड़ान के उद्घाटन के साथ पर्यटन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, हवाईअड्डा दो करोड़ से अधिक की आबादी की सेवा करेगा क्योंकि हवाई अड्डे के पास लगभग 10-15 जिलों का एक इलाका है और यह पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी/उत्तरी बिहार के भागों की बड़ी प्रवासी आबादी के लिए एक बड़ा समर्थन होगा।
विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे केले, स्ट्रॉबेरी और मशरूम जैसे बागवानी उत्पादों के निर्यात के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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