बिजनौर (उत्तर प्रदेश), 9 नवंबर (आईएएनएस)| झोलाछाप डॉक्टरों और अनाधिकृत चिकित्सकों के खिलाफ अभियान के तहत बिजनौर जिले में 11 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इन क्लीनिकों और डायग्नोस्टिक सेंटरों को बिना प्रमाणिक दस्तावेजों के संचालित पाया गया। चिकित्सक अपनी डिग्री दिखाने में विफल रहे।
जिला नोडल अधिकारी एस.के. निगम ने कहा, “हमने नजीबाबाद में एक पैथोलॉजी लैब और एक एक्स-रे केंद्र पर छापा मारा। लेकिन उसका संचालक अपना प्रमाण पत्र नहीं दिखा सका। केंद्र को सील कर दिया गया और संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके अलावा, 10 झोलाछाप डॉक्टर बिना डिग्री के प्रैक्टिस करते मिलें। उन पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें नोटिस दिया गया है।”
सूत्रों के मुताबिक, कुछ झोलाछाप ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से अस्पताल चला रहे थे और यहां तक कि सर्जरी और प्रसव भी करा रहे थे।
यह अभियान उन शिकायतों के मद्देनजर आया है जहां कथित रूप से गलत इलाज के बाद निजी क्लीनिकों में मरीजों की मौत हो गई।
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