अयोध्या, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)| भाजपा शासित राज्यों के 11 मुख्यमंत्री बुधवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के उद्घाटन को देखने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी मुख्यमंत्री दो दिनों के लिए वाराणसी में थे।
अयोध्या प्रशासन ने अब तक 11 मुख्यमंत्रियों और पांच डिप्टी सीएम के आधिकारिक प्रोटोकॉल की पुष्टि की है, जिनके बुधवार को लखनऊ से दोपहर के आसपास अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है।
अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार के अनुसार, “लखनऊ में रात्रि विश्राम के बाद मुख्यमंत्रियों के बुधवार दोपहर तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। वे राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन करने से पहले हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।”
अयोध्या का दौरा करने वाले मुख्यमंत्रियों में हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू, मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, असम के हेमंत बिस्वा सरमा, कर्नाटक के बसवराज बोम्मई, मणिपुर के नोंगथोम्बम बीरेन सिंह, त्रिपुरा के बिप्लब कुमार देव, गुजरात के भूपेंद्रभाई पटेल, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर और गोवा के प्रमोद सावंत शामिल हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन और योगी आदित्यनाथ के दो डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद रहेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी के भी अयोध्या जाने की संभावना है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी 2019 में राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद पहली बार बुधवार को अयोध्या जाएंगे।
जिला अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अपने दौरे के दौरान पंचशील होटल में रुकेंगे और इस अवसर पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। मुख्यमंत्रियों का दोपहर का भोजन होटल में होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में अपने समकक्षों के साथ शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी बुधवार से लखनऊ में शुरू हो रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि फिलहाल मीडिया से कोई बातचीत प्रस्तावित नहीं है।
कई मुख्यमंत्रियों के साथ उनकी पत्नियां भी हैं और उन्होंने निजता की मांग की है।
कोविड प्रोटोकॉल भी सुनिश्चित किए गए हैं और मंदिरों को साफ किया गया है।
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