प्रयागराज (उप्र), 25 फरवरी (आईएएनएस)| इलाहाबाद हाईकोर्ट, इसकी लखनऊ पीठ और उत्तर प्रदेश की सभी अदालतें 1 मार्च से फिर से सामान्य तरीके से काम करना शुरू कर देंगी। इन सभी अदालतों में सभी जज, उनका सहायक स्टाफ, बेंच के सचिव और चपरासी नियमित रूप से काम करना शुरू कर देंगे। रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने सभी जरूरी व्यवस्थाओं को मंजूरी दे दी है। वैसे तो यहां से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, लेकिन कोविड-19 न फैले, इसके लिए अदालती कार्यवाही के दौरान कुछ सावधानियां बरती जाएंगी।
इस मामले में जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के चैंबर भी 1 मार्च से खुलेंगे। वकीलों-कर्मचारियों की कैंटीन भी खुलेंगी।
अधिसूचना में कहा गया है, “जज और वकील सामान्य कपड़े और कोट पहनेंगे। वकील मास्क भी पहनेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। एक बार में 6 से ज्यादा वकील कोर्ट के कमरे में नहीं रह सकेंगे। वे अपने मामलों की सुनवाई होते ही कमरे से चले जाएंगे। वे लॉकडाउन से पहले जैसी व्यवस्था के तहत अपने मामलों को ई-मोड से या फॉर्म के जरिए दर्ज करेंगे।”
इसके अलावा, फोटो-हलफनामा केंद्र भी मार्च से नियमित रूप से काम करना शुरू कर देगा। वहीं जो लोग वीडियो-कॉन्फ्रें सिंग के जरिए अदालत की कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें मेल के जरिए अपना मोबाइल नंबर, मामले का ब्योरा भेजना होगा। इसके बाद उन्हें कार्यवाही में शामिल होने के लिए एक लिंक दिया जाएगा।
बता दें कि कोविड-19 के चलते अदालती कामकाज पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे।
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